आठवीं बार आईपीएल के फाइनल में पहुंची चेन्नई
विशाखापट्टनम: चेन्नई सुपर किंग्स ने दूसरा क्वालियफायर मुकाबला जीतकर आईपीएल 2019 के फाइनल में जगह बना ली है। चेन्नई ने शुक्रवार को दिल्ली कैपिटल्स को 6 विकेट से करारी शिकस्त दी। चेन्नई की टीम आठवीं बार आईपीएल के फाइनल में पहुंची है। फाइनल में खिताब के लिए चेन्नई और मुंबई इंडियंस की टक्कर रविवार को होगी। विशाखापट्टनम के एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए क्वालीफायर-2 में दिल्ली ने 148 रन की चुनौती पेश की। जवाब में दिल्ली ने 19.0 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर इस लक्ष्य को हासिल कर लिया।
दिल्ली ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 9 विकेट गंवाकर 147 रन का स्कोर खड़ा किया। दिल्ली के सर्वाधिक रन रिषभ पंत (38) ने बनाए। उन्होंने 25 गेंदों की अपनी पारी में 2 चौके और 1 छक्का लगाया। दिल्ली की शुरुआत खराब रही। पारी का आगाज करने आए पृथ्वी शॉ (5) और शिखर धवन (18) ने पहले विकेट के लिए 21 रन जोड़े। शॉ को तीसरे ओवर में एलबीडब्ल्यू आउट कर दीपक चहर ने दिल्ली को पहला झटका दिया।
दीपक के अपील करने के बाद अंपायर ने शॉ आउट नहीं दिया क्योंकि पहली नजर में लग रहा था कि गेंद थाई पर लगने की वजह से स्टंप को मिस करते हुए ऊपर से जा रही है। हालांकि, धोनी अपनी गेंदबाजी की अपील से सहतम दिखे और डीआरएस लेने के फैसला किया। रिव्यू में साफ दिखा कि गेंद गिल्लियों को बिखेर रही है जिसके बाद अंपायर ने अपना फैसला बदलते हुए शॉ को आउट करार दिया। शॉ ने 6 गेंदों की पारी में 1 चौका लगाया।
दिल्ली को दूसरा झटका सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के रूप में लगा। धवन को छठे ओवर में हरभजन सिंह ने पवेलियन की राह दिखाई। वह हरभजन की गेंद को पिच पर पड़ने के बाद भांप नहीं पाए और गलत शॉट खेलकर विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी के हाथों लपके गए। उनका विकेट 37 रन के कुल स्कोर पर गिरा। उन्होंने 14 गेंदों की अपनी पारी में 3 चौके जड़े।
दिल्ली का तीसरा विकेट कॉलिन मुनरो (27) के तौर पर गिरा। पृथ्वी शॉ के आउट होने के बाद क्रीज पर आए मुनरो अपने रंग में नज नहीं आए। उन्होंने 24 गेंदों की अपनी पारी में 4 चौके लगाए। उन्हें रवींद्र जडेजा ने 9वें ओवर में अपना शिकार बनाया। वह जडेजा की गेंद बड़ा शॉट मारने की फिराक में ड्वेन ब्रावो के हाथों लपके गए। उनका विकेट 57 के कुल स्कोर पर गिरा। दिल्ली ने इस मैच में मुनरो को तीसरे नंबर पर भेजकर प्रयोग किया जो सफल नहीं रहा।
दिल्ली को एक बड़ी साझेदारी की जरूरत थी। कप्तान श्रेयस अय्यर (13) और ऋषभ पंत ने टिककर बल्लेबाजी करने की कोशिश, लेकिन अय्यर 12वें ओवर में इमरान ताहिर की गेंद पर सुरेश रैना के हाथों थमा बैठे। दोनों चौथे विकेट के लिए सिर्फ 18 रन ही जोड़े सके। अय्यर ने 18 गेंदों की अपनी पारी में महज 1 चौका लगाया। उनका विकेट 75 रन के कुल स्कोर पर गिरा। 13 रन बनाए।
इसके बाद अक्षर पटेल (3) भी पवेलियन लौट गए। उन्हें 13वें ओवर में ड्वेन ब्रावो ने इमरान ताहिर को लपकवाया। दिल्ली की खस्ता हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसका स्कोर 13 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 80 रन था। यहां से पंत और शेरफेन रदरफोर्ड (10) ने पारी को आगे बढ़ाया। हालांकि, रदरफोर्ड पंत का ज्यादा देर तक साथ नहीं दे सके।
रदरफोर्ड ने 16वें ओवर में गियर बदलने की कोशिश की और हरभजन द्वारा फेंकी गई दूसरी गेंद पर छक्का लगाया लेकिन दो गेंद पर वह एक और बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में शेन वॉटसन के हाथों लपके गए। पंत ने अगले ओवर में ताहिर पर एक चौका और एक छक्का मारा। 18वें ओवर में ब्रावो ने कीमो पॉल (3) को आउट कर दिल्ली को आठवां झटका दिया।
दिल्ली को आखिरी ओवरों में पंत से काफी उम्मीदें थीं मगर वह 19वें ओवर की चौथी गेंद पर दीपक चाहर का शिकार बन गए। धोनी ने आखिरी ओवर रवींद्र जडेजा को दिया जिसमें 16 रन आए। इसमें जडेजा ने ट्रेंट बोल्ट (6) का विकेट भी झटका। ईशांत शर्मा (नाबाद 10) ने आखिरी दो गेंदों पर एक चौका और एक छक्का मार दिल्ली को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। वहीं, अमित मिश्रा 6 रन बनाकर नाबाद रहे। चेन्नई की ओर से दीपक चहर, ड्वेन ब्रावो, हरभजन सिंह और रवींद्र जडेजा ने दो-दो विकेट चटकाए जबकि इमरान ताहिर को 1 विकेट मिला।
चेन्नई ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। चेन्नई ने अपनी टीम में एक बदलाव किया। चेन्नई ने मुरली विजय की जगह अंतिम एकादश में शार्दुल ठाकुर को शामिल किया। वहीं, दिल्ली ने अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया।