अफरीदी ने गंभीर को दिया करारा जवाब
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अफरीदी ने अपनी ऑटो बायोग्राफी (आत्मकथा) में कहा था कि गंभीर एक चरित्रहीन क्रिकेटर हैं, जिनका रिकॉर्ड भी शानदार नहीं है। इस पर भारतीय क्रिकेटर ने तगड़ा जवाब देते हुए कहा था कि अफरीदी को मनोचिकित्सक की जरूरत है और वो खुद उनको अस्पताल ले जाएंगे। अब इस पर अफरीदी ने भी गंभीर को करारा जवाब दिया है। अपनी आत्मकथा के लॉन्च के मौके पर पूर्व पाक कप्तान ने कहा, 'गौतम गंभीर को मानसिक परेशानी है और अगर वो चाहे तो मैं अपने अस्पताल में उनका उपचार कराने ले जा सकता हूं।'
अफरीदी यही नहीं रूके। उन्होंने साथ ही कहा कि अगर गंभीर को वीसा की दिक्कत होगी तो वो खुद इसे जल्दी मुहैया कराकर भारतीय क्रिकेटर का उपचार कराएंगे। बता दें कि गंभीर-अफरीदी के बीच कभी रिश्ता अच्छा नहीं रहा है। मैदान के अंदर और बाहर दोनों के बीच विवाद चलता रहा।
अफरीदी ने अपनी आत्मकथा में गंभीर का जिक्र करते हुए लिखा, 'कुछ प्रतिद्वंद्विता निजी होती है और कुछ पेशेवर। गंभीर का मामला काफी अलग है। उनकी परेशानी अलग है। उनका कोई व्यक्तित्व नहीं है। गंभीर के रिकॉर्ड्स शानदार नहीं है, लेकिन उनमें काफी एटीट्यूड है। गंभीर ऐसे बर्ताव करते हैं जैसे डॉन ब्रेडमैन और जेम्स बांड के क्रॉस हो। कराची में हम ऐसे लोगों को सारयाल कहते हैं। सीधी बात मुझे सकारात्मक लोग पसंद हैं। यह मायने नहीं रखता कि वह आक्रामक या प्रतिस्पर्धी हो, लेकिन आपको सकारात्मक रहने की जरूरत है। गंभीर ऐसे नहीं हैं।'
इस पर गंभीर ने ट्विटर के जरिये अफरीदी को जवाब दिया था। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'आप काफी मजेदार हैं। वैसे, पाकिस्तानियों को चिकित्सीय टूरिज्म के लिए हम अभी भी वीसा दे रहे हैं। मैं आपको खुद मनोचिकित्सक के पास ले चलूंगा।'
पता हो कि 2007 में गंभीर और अफरीदी के बीच मैदान पर जमकर विवाद हुआ था। दोनों ने एक-दूसरे को भद्दी गालियां दी थी। अफरीदी ने इस मामले के बारे में लिखा, 'मुझे याद है कि 2007 एशिया कप में गंभीर के साथ पिच पर विवाद हुआ था। वह एक रन लेने के लिए दौड़े और सीधे मेरी तरफ आए। अंपायरों को ये मामला सुलझाना था या फिर मैं अपने तरीके से निपटाता। हमने एक-दूसरे की महिला रिश्तेदारों के बारे में बहुत कुछ कहा था।'
अफरीदी ने हाल ही में सहमति जताई कि वह उम्र की धोखाधड़ी में शामिल थे। जब अफरीदी ने पहला अंतरराष्ट्रीय शतक जमाया था तो उनकी उम्र 16 नहीं बल्कि 21 साल थी। क्रिकेट में यह माना गया कि अफरीदी ने 16 साल की उम्र में शतक जमाया था।