नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनावा जारी है। ऐसे में विभिन्न क्षेत्रों से लोग राजनीति में शामिल हो रहे हैं। लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का राजनीति में आने का या खुद अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है। चूंकि अगर ऐसा हुआ तो उनकी पत्नी उन्हें छोड़ देगी।

कयासों पर रघुराम का विराम: दरअसल हाल ही में ऐसा सुनने को मिल रहा था कि आम चुनावों के बाद अगर विपक्षी गठबंधन की सरकार बनती है तो वो वित्त मंत्री बन सकते हैं। लेकिन रघुराम राजन ने सभी कयासों पर विराम लगाते हुए कह दिया कि वो जहां हैं वहां काफी खुश हैं और राजनीति में आने की उनकी बिल्कुल भी इच्छा नहीं है। इसके साथ ही राजन ने कहा कि उन्हें लगता है कि अगर वो राजनीति में आ गए तो उनकी पारिवारिक जिंदगी ठीक से नहीं चल पाएगी। इसके साथ ही राजन ने कहा कि अगर मैं राजनीति से जुड़ गया तो मेरी पत्नी ही मेरा साथ छोड़ देगी और मेरे साथ नहीं रहेगी। वहीं उन्होंने कहा कि राजनीति हर जगह एक जैसी है।

दूसरे टर्म के लिए किया था मना: बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व अर्थशास्त्री राजन ने रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर अपने दूसरे टर्म के लिए मना कर दिया था। उन्होंने अपनी बुक ‘द थर्ड पिलर’ के विमोचन पर कहा था- मैं जहा हूं, वहां बेहद खुश हूं। लेकिन मेरे लायक कोई भी अवसर होगा तो मैं हमेशा वहां रहना चाहूंगा।’ बता दें कि रघुराम राजन फिलहाल शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में पढ़ा रहे हैं।

क्या थे कयास: दरअसल हाल ही में ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि अगर लोकसभा चुनावों में टीएमसी, समाजवादी पार्टी, बसपा और तेदेपा जैसे विपक्षी दलों का महागठबंधन जीतता है और सरकार बनाता है तो रघुराम राजन वित्त मंत्री बन सकते हैं।