आईएनएस विक्रमादित्य में लगी आग, एक नौसेना अधिकारी की मौत
करवर: भारत के सबसे बड़े जंगी जहाज आईएनएस विक्रमादित्य पर शुक्रवार को अचानक आग लग गई। हादसे के समय युद्धक जहाज विक्रमादित्य हार्बर (नौसैन्य बंदरगाह) में दाखिल हो रहा था। आग लगने के बाद इसे बुझाने की कोशिश में एक नौसैन्य अधिकारी की मौत हो गई। शहीद हुए अधिकारी का नाम लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान है। इससे पहले साल 2016 में भी जहरीली गैस लीक होने की वजह से आईएनएस विक्रमादित्य पर दो नौसैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी।
युद्धपोत के जिस कंपार्टमेंट में आग लगी थी वहां आग बुझाने गई टीम को लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान लीड कर रहे थे और इसी दौरान वह इसकी चपेट में आ गए। शुक्रवार सुबह युद्धपोत कर्नाटक के कारवार स्थित हार्बर में दाखिल हो रहा था और तभी यह दुर्घटना का शिकार हो गया। रिपोर्ट्स के अनुसार विमानवाहक युद्धपोत को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।
एक अधिकारी ने बताया कि तेजी से कदम उठाते हुए पोत के चालक दल ने आग को नियंत्रित किया, जिससे इसकी लड़ाकू क्षमता को कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा। नौसेना ने कहा कि लेफ्टिनेंट कोमोडोर डी एस चौहान ने प्रभावित हिस्से में आग बुझाने की कोशिशों की बहादुरी से अगुवाई की। आग पर तो काबू पा लिया गया, लेकिन आग की लपटों और धुएं के कारण डीएस चौहान बेहोश हो गए।
लेफ्टिनेंट कमांडर चौहान को तुरंत इलाज के लिए कारवार स्थित नौसैनिक अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। घटना किन वजहों से और किन परिस्थितियों में हुई, इस बात की जांच के लिए एक ‘बोर्ड ऑफ एन्क्वायरी’ के आदेश दे दिए गए हैं।
आईएनएस विक्रमादित्य भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा व शक्तिशाली युद्धक जहाज के साथ देश का एक लौता विमानवाहक पोत है। इस जहाज पर एक बड़ा रनवे मौजूद है जिस पर से मिग 29 फाइटर जेट उड़ान भर सकते हैं और लैंड कर सकते हैं। यह समुद्र में तैरते एक हवाई अड्डे की तरह है। भारत ने इस जहाज को रूस से खरीदा है और साल 2013 में यह भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था।