“नो शॉर्टकट”: टोटल वॉटरप्रूफिंग के प्रति जागरूकता के लिए डॉ फिक्सिट की पहल
लखनऊ: पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड की तरफ से एक प्रमुख वॉटरप्रूफिंग ब्रांड डाॅ फिक्सिट ने एक नए घर का निर्माण करने के दौरान टोटल वॉटरप्रूफिंग की जरूरत को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक पहल की शुरुआत की है। इस अभियान/पहल को नाम दिया गया है- “नो शॉर्टकट”, जिससे श्री अमिताभ बच्चन भी जुडे हुए हैं, जो ग्राहकों को शिक्षित करते हुए इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि रिसाव और नमी जैसी विसंगतियों से बचने के लिए सही और व्यापक रूप से जलरोधी घरों का निर्माण करना कितना महत्वपूर्ण है। पहल के एक हिस्से के रूप में डॉ फिक्सिट की तरफ से ग्राहकों से अपील की जाती है कि वे निशुल्क ‘वॉटरप्रूफिंग गाइड’ के लिए उनसे संपर्क कर सकते हैं। यह गाइड ग्राहकों को व्यापक रूप से और बेहद सरल तरीके से उनकी वाटरप्रूफिंग संबंधी जरूरतों के समाधान पर मार्गदर्शन करेगी, ताकि वे शॉर्टकट से बचें। अनुमान है कि उत्तर प्रदेश में 3.3 करोड घर हैं और इनमें 3-4 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि होने की उम्मीद है। अनुमान लगाया गया है कि केवल 9 प्रतिशत घरों में आधुनिक वाॅटर प्रूफिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। रंग-रोगन करने के दौरान, विश्व स्तर पर प्रत्येक छह घरों में से एक में टोटल वाटरप्रूफिंग की जाती है। भारत में, यह अनुपात 20ः1 है। किसी भी निर्माण में, इमारत की अधिक उम्र इस बात पर काफी हद तक निर्भर करती है कि उसे ठीक से वाटरप्रूफ किया गया है या नहीं। ज्यादातर लोग एक नया घर बनाते समय वॉटरप्रूफिंग का काम दूसरों पर छोड़ देते हैं, या फिर वे इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं और कभी-कभी इसे अनावश्यक खर्च भी मानते हैं। डॉ फिक्सिट की पहल के तहत घर के मालिकों से आग्रह किया जाता है कि वे अपने नए घर का निर्माण करते समय शॉर्टकट लेने से बचें और अपने घरों में भविष्य की लागत और क्षति से बचने के लिए डॉ फिक्सिट के साथ ‘टोटल वॉटरप्रूफिंग‘ को अपनाएं। घरों में ठीक से वॉटरप्रूफिंग नहीं करने के कारण आम तौर पर गृहस्वामी को नमी, पानी का टपकना और रिसाव जैसी समस्याओं का सामना करना होता है। बाद में लीकेज को ठीक कराने पर अधिक खर्च आता है, कई बार यह खर्च शुरुआती दौर में वाटरपू्रफिंग कराने की तुलना में चार गुना अधिक भी होता है। वित्तीय नुकसान के अलावा, पानी के रिसने से स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न होता है और इसीलिए सलाह दी जाती है कि हर कीमत पर इससे बचा जाना चाहिए। इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि एक नया घर बनाते समय पूरी तरह से वॉटरप्रूफिंग को अपनाया जाए।
पिडिलाइट इंडस्ट्रीज के चीफ एक्जीक्यूटिव आॅफिसर-कंस्ट्रक्शन केमिकल्स रिटेल, श्री निलेश मजूमदार ने कहा, “बारिश के दौरान ज्यादातर घरों पर प्रतिकूल असर पडता है और उचित तरीके से वाॅटरप्रूफिंग नहीं कराने के कारण लोगों को जलप्रवाह और रिसाव की समस्या का सामना करना होता है। इसके अलावा, बाथरूम, पानी की टंकी जैसे गीले क्षेत्रों में भी रिसाव देखा जाता है। स्वतंत्र घरों के साथ उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में, बढ़ती नमी और इसकी वजह से प्लास्टर या पुट्टी का फूलना भी एक पुरानी समस्या है। डाॅ फिक्सिट में इन तमाम समस्याओं के लिए सही समाधान मौजूद है और इसीलिए हम उपभोक्ताओं से भविष्य में होने वाली अप्रत्याशित शर्मिंदगी से बचने के लिए अपने घर के निर्माण के शुरुआती चरण में ही टोटल वॉटरप्रूफिंग को अपनाने का आग्रह करते हैं। उत्तर प्रदेश हमारे लिए एक महत्वपूर्ण बाजार रहा है। इस बाजार में हम वॉटरप्रूफिंग की आधुनिक तकनीकों और समाधानों के बारे में उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाना चाहते हैं।‘‘