देश के कुछ अमीर और ताकतवर ‘‘आग से खेल रहे’’ हैं: CJI
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने न्यायपालिका पर ‘‘सुनियोजित हमले’’ को लेकर बृहस्पतिवार को अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अब देश के अमीरों तथा ताकतवर लोगों को यह बताने का समय आ गया है कि वे ‘‘आग से खेल रहे’’ हैं। शीर्ष अदालत ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसाने की एक बड़ी साजिश का दावा करने वाले अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस के मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की सदस्यता वाली विशेष पीठ ने कहा कि वह पिछले तीन साल चार साल से न्यायपालिका के साथ पेश आने के तरीके से बेहद आहत है।
पीठ ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सालों में इस संस्था के साथ जो व्यवहार हो रहा है, यदि यही होगा तो हम बचेंगे नहीं। इस समय सुनियोजित हमला हो रहा है। इस संस्था की छवि धूमिल करने का सुनियोजित खेल चल रहा है।’’ आगे पीठ ने कहा कि इस समय हवा में बहुत कुछ चल रहा है और निश्चित ही इसकी जांच की आवश्यकता है। पीठ ने कहा, ‘‘यह मत सोचिए कि धरती पर किसी भी चीज से सुप्रीम कोर्ट को नियंत्रित किया जा सकता है, चाहे वह धन बल हो या राजनीतिक बल हो।’’ न्यायमूर्ति मिश्रा ने पिछले साल न्यायपालिका को विवादों की चपेट में लेने वाली घटनाओं के संदर्भ में टिप्पणी की कि अभी भी सच्चाई सामने नहीं आयी है।
पीठ ने कहा, ‘‘लोगों को सच्चाई पता लगनी चाहिए। यह सब चल रहा है और इसे बंद करना होगा। क्या देश के धनवान और ताकतवर यह सोचते हैं कि वे सुप्रीम कोर्ट को रिमोट से कंट्रोल कर सकते हैं।’’ इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि पिछले साल 12 जनवरी को शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों -न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुये प्रेस कांफ्रेस की थी जिसमे शीर्ष अदालत में मुकदमों के आबंटन सहित अनेक मुद्दे उठाये गये थे। इन न्यायाधीशों ने कहा था कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो देश की सर्वोच्च अदालत को प्रभावित कर रहे हैं।
शीर्ष अदालत ने भी बृहस्पतिवार को कहा कि न्यायपालिका में इतना सब कुछ हो रहा है और जब कोई व्यक्ति इसे दुरूस्त करने का प्रयास करता है तो उसे बदनाम किया जाता है। पीठ ने विस्तार कहा, ‘‘हम ब्लैकमेलिंग की इस सीमा तक आ गये हैं। आपको मालूम नहीं कि क्या चल रहा है।’’ न्यायालय ने कहा कि नानी पालखीवाला, फली नरिमन और के परासरन जैसे प्रबुद्ध विधिवेत्ताओं ने इस महान संस्था को बनाया है और अब आये दिन बेंच फिक्सिंग के बारे में खबरें सुनने को मिलती हैं।