चुनाव लड़ने पर रोक लगाना चुनाव आयोग काम
साध्वी प्रज्ञा को NIA कोर्ट ने दी बड़ी राहत
नई दिल्ली: आम चुनाव में मध्य प्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। बुधवार (24 अप्रैल, 2019) को कोर्ट ने कहा कि साध्वी के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।
दरअसल, मालेगांव धमाका मामले में आरोपी साध्वी के खिलाफ एक याचिका दी गई थी। उसमें मांग की गई थी कि उनके लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी जाए। पर एनआईए कोर्ट ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस मसले पर फैसला चुनाव अधिकारी लेंगे।
कोर्ट के हवाले से एएनआई ने कहा, “जारी चुनावी प्रक्रिया के बीच कोर्ट के पास किसी व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने को लेकर कोई कानूनी अधिकार नहीं है। यह चुनाव अधिकारियों का काम है कि वे इस पर फैसला लें। कोर्ट किसी को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकता है।”
निसार अहमद सैयद बिलाल के बेटे सैयद अजहर की मौत 2008 के मालेगांव धमाकों के दौरान हुई थी। चूंकि, साध्वी इस मामले में आरोपी हैं, लिहाजा बिलाल ने एनआईए कोर्ट में साध्वी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने को लेकर याचिका दी थी। याचिकाकर्ता ने उसमें मांग की थी कि जब तक ट्रायल प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर रोक लगी रहनी चाहिए।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा, “वह तबीयत गड़बड़ होने का हवाला देकर कोर्ट की कार्यवाही में शामिल नहीं होती हैं, पर चुनावी प्रचार के दौरान उनका स्वास्थ्य कहीं से भी खराब नहीं नजर आता।”
हालांकि, साध्वी ने इससे पहले इस याचिका को ओछी हरकत और राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित बताया था। कहा था, “कानून के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सके।”