बीजेपी को डर, कहीं रद्द न हो जाए प्रज्ञा ठाकुर की ज़मानत, प्लान बी पर चर्चा
नई दिल्लीः देश भर में मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट सबसे चर्चित सीटों में से एक मानी जा रही है. इस सीट का चुनावी मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के नाक की लड़ाई बन गया है. दोनों दलों के दिग्गज नेता भोपाल का किला फतह करने के लिए डेरा डाले हुए हैं. इसके साथ ही बीजेपी की मुश्किलें साध्वी प्रज्ञा के कानूनी मामले को लेकर कम होती नहीं दिखाई दे रही हैं. सोमवार दोपहर नामांकन दाखिल करने कलेक्टर ऑफिस पहुंची साध्वी प्रज्ञा ने यहां मौन धारण कर नामांकन भरा. साध्वी के प्रस्तावक बने पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि साध्वी ने यहां मौनधारण कर फॉर्म भरा. सीढ़ियां चढ़ने पर उन्हें थोड़ी परेशानी हुई, इसलिए कल के नामांकन के लिए नीचे व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.
वहीं फॉर्म जमा करने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि वह अभी मुहूर्त का फॉर्म भरने आई थीं, कल वह दोबारा आएंगी, नामांकन पत्र जमा करने. बता दें बीजेपी के तमाम बडे नेताओं को प्रज्ञा के कानूनी पचड़ों का एहसास है, यही कारण है कि पार्टी ने प्रज्ञा के लिए पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा को भोपाल में ही डेरा डाले रखने के निर्देश दिए हैं. दोनों बड़े नेता ना सिर्फ साध्वी के नामंकन प्रक्रिया को बड़े वकीलों की मौजूदगी में पूरा कराया, बल्कि उसे अंजाम तक पहुंचाया.
अब बीजेपी कानूनी पचड़े से बचने के लिए प्लान बी पर भी काम कर रही है. इसके तहत यदि साध्वी की जमानत रद्द होती है या कोई और कानूनी दिक्कत खड़ी होती है तो प्लान बी के तहत बीजेपी काम करती हुई दिखाई देगी. बीजेपी के प्लान बी के तहत इसमे बीजेपी के डमी उम्मीदवार का नामंकन भी दाखिल करा रही है, ये उम्मीदवार कौन होगा, क्या करेगा इसकी पूरी प्रक्रिया को गोपनीय रख गया है.
इस पूरे मामले पर जानकार भी मानते हैं कि साध्वी को कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह साध्वी की जमानत रद्द कराने के लिए कोर्ट में दिए गए कई आवेदन हैं. बीजेपी नेता अनिल सौमित्र ने साफ किया है कि कांग्रेस कई तरह के हथकंडे अपना सकती है. यही कारण है कि हमने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं. पार्टी षड़यंत्र को देखते हुए फैसला लेगी.