CJI रंजन गोगोई के खिलाफ रची गई साजिश, SC के वकील का दावा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई.नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर पूर्व महिला कर्मी द्वारा यौन प्रताडना के आरोप के मामले में नया मोड आया है. सुप्रीम कोर्ट के ही एक वकील ने दावा किया है कि सीजेआई रंजन गोगोई को बदनाम करने की साजिश रची गई ताकि वो इस्तीफा दे दें. वकील उत्सव बैंस ने ये भी दावा किया है कि इसके लिए उनसे भी संपर्क किया गया था और कहा गया था कि वो प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करें. इसे लेकर एक युवक ने उन्हें 1.5 करोड़ रुपये तक देने का ऑफर दिया था. साथ ही उत्सव बैंस दावा किया कि उन्होंने इससे इनकार कर दिया और वो इस मामले की जानकारी देने सीजेआई के घर गए थे लेकिन वो उपलब्ध नहीं थे.
फेसबुक पर लिखी एक पोस्ट में बैंस ने दावा किया, 'आसाराम केस में पीड़िता के लिए किए गए मेरे काम की उस युवक ने तारीफ की थी. जब मैंने उसके ऑफर को ठुकरा दिया तो उसने दावा किया कि वह उसका रिश्तेदार है, लेकिन वह एक ट्रेंड एजेंट लग रहा था. जब उससे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व महिला कर्मी के साथ रिश्ते के बारे में पूछा तो वह सही से जवाब नहीं दे पा रहा था. और उसके बाद अचानक उसने मुझे ऑफर दिया कि अगर वह वकालत करते हैं तो इस मामले की फीस के रूप में 50 लाख रुपये देने को तैयार है. और उसने फिर मुझे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए कहा. लेकिन उसकी कहानी सच नहीं लगने पर मैंने मना कर दिया. जब मैंने दोबारा उसे मना कर दिया तो उसने मुझे 1.5 करोड़ रुपये का ऑफर दिया. इसके बाद मैंने उसे मेरे ऑफिस से चले जाने के लिए कहा.'
बैंस ने साथ ही कहा कि जब मैंने दिल्ली में विश्वसनीय सूत्रों से इस मामले के बारे में जांच पड़ताल की तो मुझे लगा कि यह सीजेआई से खिलाफ साजिश रची जा रही है, ताकि वह इस्तीफा दे दें. मुझे इस तरह की विश्वसनीय जानकारी मिलने के बाद एक सुनियोजित साजिश को लेकर आश्वस्त हो गया था. वकील ने कहा कि इसके बाद मैं सीजेआई के निवास पर इस साजिश के बारे में बताने गया, लेकिन उनके स्टाफ ने बताया कि वह घर पर नहीं हैं.
बता दें, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद शनिवार को उच्चतम न्यायालय ने विशेष सुनवाई की. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोप को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए'. सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि न्यायपालिका खतरे में है. अगले हफ्ते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसीलिये जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए. सीजेआई ने कहा कि क्या चीफ जस्टिस के 20 सालों के कार्यकाल का यह ईनाम है? 20 सालों की सेवा के बाद मेरे खाते में सिर्फ 6,80,000 रुपये हैं. कोई भी मेरा खाता चेक कर सकता है.
साथ ही सीजेआई ने कहा था कि मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करूंगा. जिन्होंने मुझपर आरोप लगाए हैं, वे जेल में थे और अब बाहर हैं. इसके पीछे कोई एक शख़्स नहीं है, बल्कि कई लोगों का हाथ है. जिस महिला ने आरोप लगाया है, वह 4 दिन जेल में थी. महिला ने किसी शख़्स को सुप्रीम कोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था और पैसे लिये थे.
गौरतलब है कि सीजेआई पर आरोप लगने वाली महिला उच्चतम न्यायालय की पूर्व कर्मचारी है. उच्चतम न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर महिला के शपथपत्रों की प्रतियां भेजी गईं जो शनिवार को सार्वजनिक हो गईं. इसके बाद मामले में विशेष सुनवाई हुई. पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और संजीव खन्ना शामिल थे.