प्रधानमंत्री ने हलफनामों में भूखंड की दी गलत जानकारी, कांग्रेस का आरोप
नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने पहले के चुनावी हलफनामों में गुजरात स्थित गांधीनगर के एक भूखंड के संदर्भ में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग को उचित कार्रवाई करनी चाहिए. पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्हें एक भूखंड आवंटित किया गया था जिसको लेकर उन्होंने 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों और 2014 के लोकसभा चुनाव के अपने हलफनामों में विरोधाभासी जानकारियां दी हैं. कांग्रेस के इस आरोप पर फिलहाल बीजेपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर की गई. इसमें प्रधानमंत्री मोदी की एक संपत्ति को लेकर रोचक प्रश्न खड़े हुए हैं क्योंकि प्रधानमंत्री ने कुछ छिपाया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह संपत्ति आवंटित की गई. 2007 के चुनावी हलफनामे में उन्होंने गांधीनगर के सेक्टर -1 में एक भूखंड होने का उल्लेख किया जिसका क्षेत्रफल उन्होंने 326.22 मीटर बताया. इसकी कीमत 1.3 लाख रुपये की अदा की गई थी क्योंकि आवंटित भूखंड था. बाजार की कीमत के आधार उसकी कीमत अब 1.18 करोड़ रुपये है।''
कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भूखंड संख्या 411 का अपने हलफनामे में उल्लेख नहीं किया. उन्होंने दूसरे भूखंड 401/ए का जिक्र करते हुए कहा कि वह इसके एक चौथाई हिस्से के मालिक हैं. इस भूखंड का क्षेत्रफल 326.22 वर्गमीटर बताया गया.'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जो हलफनामा दिया उसमें भी भूखंड संख्या 411 का जिक्र नहीं है, बल्कि 401/ए का उल्लेख किया गया है. बाद में प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री ने कार्यालय की वेबसाइट पर अपनी संपत्ति की घोषणा की, उसमें 401/ए भूखंड का उल्लेख करते हुए कहा कि वह इसके एक चौथाई हिस्से के मालिक हैं. इसका क्षेत्रफल 1312.3 वर्गमीटर बताया गया.'' उन्होंने दावा किया, ‘‘गुजरात के राजस्व विभाग में 401/ए नाम का कोई भूखंड नहीं है, बल्कि वो भूखंड संख्या 401 है जो वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम पंजीकृत है.'' खेड़ा ने कहा, ‘‘हम चुनाव आयोग से आग्रह करते हैं कि वह इसका संज्ञान ले और जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उचित कार्रवाई करे.