राहुल के पास भी तो नहीं है एमफिल की डिग्री, स्मृति ईरानी के बचाव में आए अरुण जेटली
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की एजुकेशन क्वालिफिकेशन और डिग्री को लेकर पिछले कुछ समय से सियासत गर्माई हुई है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस के कई नेता लगातार उन पर पर फर्जी डिग्री का आरोप लगाते आ रहे हैं, जिसपर अब केंद्रीय अरुण जेटली स्मृति ईरानी के बचाव में उतर आए हैं। स्मृति ईरानी का पक्ष लेते हुए जेटली ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के पास तो मास्टर डिग्री भी नहीं है लेकिन वे एमफिल डिग्री होल्डर हैं।
अपने ताजा फेसबुक ब्लॉग पर जेटली ने लिखा है कि राहुल गांधी की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन को लेकर कई पब्लिक के मन में कई ऐसे सवाल हैं जिनके उत्तर आज तक नहीं दिए गए। आज हर कोई बीजेपी उम्मीदवार के एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की बात कर रहा है लेकिन किसी को भी राहुल गांधी की अकेडमिक हिस्ट्री को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं है। राहुल गांधी की एजुकेशन से जुड़े कई ऐसे सवाल हैं जिनका उत्तर किसी के पास नहीं है। उनके पास बिना मास्टर डिग्री पूरा किए एमफिल की डिग्री है।
2009 में राहुल गांधी की विदेशी डिग्री पर काफी विवाद खड़ा हुआ था। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ट्रिनिटी कॉलेज के स्टूडेंट रहे हैं और उन्हें 1995 में डेवलपमेंट स्टडीज के क्षेत्र में एमफिल की डिग्री से नवाजा गया है।
गौरतलब है कि यह विवाद शुक्रवार को स्मृति ईरानी के द्वारा नॉमिनेशन फाइल करने के बाद से बढ़ा है, जब उन्होंने इलेक्शन नॉमिनेशन पेपर में अपनी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन को लेकर कहा था कि उनकी ग्रेजुएशन पूरी नहीं हुई है। जबकि 2014 में उन्होंने कथित तौर पर अपने एफिडेविट में कहा था कि उन्होंने 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ओपन लर्निंग के तहत कॉमर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की है।
जेटली ने राहुल गांधी की एजुकेशन को लेकर ही हमला नहीं बोला वे आर्मी सेनाओं के द्वारा कथित रुप से राष्ट्रपति को भेजे गए लेटर पर भी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इसे सिग्नेचर कैंपेन प्रोपोगेंडा कह। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह पैंतरा भी फेल हो गया जब लेटर पर लिखे शख्सियतों ने इस बारे में अपनी अनभिज्ञता जाहिर कर दी।
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव में हरा पाएगा। राफेल और ईवीएम जैसे मुद्दों पर झूठे आरोपों का सहारा लेकर वे पीएम मोदी का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हैं। लोकसभा चुनाव के मतदान का पहला चरण पूरा हो चुका है इस दौरान पूरे देश में मोदी लहर का असर साफ दिखा।