‘आप’ अब भी कांग्रेस से हाथ मिलाने को तैयार
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के लिए खतरा बताते हुए लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में कांग्रेस से गठबंधन करने की शनिवार को फिर से पेशकश की है। पार्टी ने हालांकि इस बार गठबंधन के फॉर्मूले से पंजाब की मांग को हटा लिया है।
'आप' के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मोदी और शाह की जोड़ी देश के लिए खतरनाक है। इसे रोकने के लिए 'आप' सभी भाजपा विरोधी संगठनों के साथ हाथ मिलाने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि अभी भी वक़्त है, अगर कांग्रेस चाहे तो मोदी और शाह की जोड़ी को 18 सीटों (हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़) पर हराया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि 'आप' अभी तक पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की 33 सीटों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन की पहल कर रही थी।
'आप' ने शुक्रवार को हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन की औपचारिक घोषणा की थी जबकि कांग्रेस ने सिर्फ दिल्ली में 'आप' के साथ गठबंधन करने की मजबूरी को स्पष्ट कर दिया था। इसके बाद सिसोदिया ने गठबंधन को लेकर 'आप' के रुख को स्पष्ट करते हुए संवाददाताओं को बताया कि उनकी पार्टी देश के लिए खतरा बन चुकी शाह और मोदी की जोड़ी को फिर से सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस सहित अन्य भाजपा विरोधी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार है।
सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस के प्रति जन्मजात विरोध के बावजूद 'आप' ने मौजूदा हालात को देखते हुए गठबंधन की पहल की है। सिसोदिया ने कहा कि ये कांग्रेस को तय करना है कि इस समय प्राथमिकता मोदी और शाह की जोड़ी को हराना है या ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बनाना है। उन्होंने हालांकि गठबंधन में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार भी ठहराया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस तानाशाही विरोधी आंदोलन को बहुत नुकसान पहुंचाया है। भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए गठबंधन के नाम पर एक महीने तक कांग्रेस ने वक्त बर्बाद किया।