DD, AIR को अपनी मुठ्ठी में बंद करना चाहती थी मोदी सरकार, नियम बदलने की थी तैयारी
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक मसौदा तैयार किया था जिसके जरिए दूरदर्शन (DD) और ऑल इंडिया रेडिया (AIR) के महानिदेशकों की नियुक्ति का अधिकार सीधे केंद्र को देने की तैयारी थी, हालांकि बाद में इसे रद्द कर दिया गया। प्रसार भारती संशोधन विधेयक 2019 के ड्राफ्ट में ऐसे प्रावधान थे जिससे राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता की स्वायत्ता खत्म हो जाती। 1990 में प्रसार भारती एक्ट पास होने के बाद इस स्वायत्त संस्था की स्थापना की गई थी। 1 अप्रैल को मंत्रालय ने ड्राफ्ट बिल सर्कुलेट किया जिसमें एक रिक्रूटमेंट बोर्ड बनाने का प्रावधान था और इसके जरिए केंद्र सरकार को DD और AIR के महानिदेशकों की सीधी नियुक्ति की शक्ति मिल जाती।
बिल का यह मसौदा मंत्रालय की वेबसाइट पर फीडबैक लेने के लिए डाला गया था मगर हफ्ते भर के भीतर इसे हटा लिया गया। 8 अप्रैल को एक और नोटिस जारी कर मंत्रालय ने कहा कि ”मामले को अगले आदेश तक निलंबित किया जाता है।” 1 अप्रैल के नोटिस में कहा गया था कि “सूचना और प्रसारण मंत्रालय प्रसार भारती (ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) विधेयक, 1990 में बदलाव की तैयारी कर रहा है” जिसका एक ‘ड्राफ्ट नोट’ केंद्रीय कैबिनेट को अंतर-मंत्रालयी चर्चा के लिए भेजा गया था। इस नोटिस में कहा गया था कि सभी संबंधित मंत्रालयों और विभागों के इनपुट्स और सुझावों के बाद, “प्रसार भारती (ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) संशोधन विधेयक 2019” तैयार किया गया था।
इस ड्राफ्ट बिल के नोट में लिखा था कि प्रसार भारती विधेयक की धारा 9 के अनुसार, सार्वजनिक प्रसारणकर्ता के अधिकारी और कर्मचारी एक नियुक्ति बोर्ड की “सलाह” के बाद नियुक्त किए जाएंगे। इस नियुक्ति बोर्ड का गठन विधेयक की धारा 10 के जरिए किया जाना था। नोट में कहा गया, “हालांकि प्रसार भारती भर्ती बोर्ड (PBRB) किसी न किसी वजह से स्थापित नहीं किया जा सका” और अब मंत्रालय ने “PBRB स्थापिन न करने” का निर्णय लिया है और विधेयक से उन धाराओं को हटाने का फैसला किया है जो प्रसार भारतीय को नियुक्ति बोर्ड्स बनाने की शक्ति देते हैं।
इसी नोट में कहा गया था , “प्रस्ताव दिया गया है कि विधेयक की धारा 10 को हटा दिया जाए। धारा 9 (PBRB के जरिए DD, AIR के डीजी और अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति का साधन) में बदलाव हो ताकि केंद्र सरकार महानिदेशकों की नियुक्ति कर सके और UPSC/SSC अन्य कर्मचारियों व अन्य अधिकारियों की नियुक्ति कर पाएं।
I&B मंत्रालय के नोट में कहा गया था कि चूंकि “ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है जिससे केंद्र प्रसार भारती के सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों पर नियम बना सके”, यह ड्राफ्ट बिल “केंद्र सरकार को ऐसे कर्मचारियों के लिए ऐसे नियम बनाने की स्पष्ट शक्ति देगा।”