नई दिल्ली: राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद विवाद मामले में पक्षकार निर्मोही अखाड़े ने केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है। निर्मोही अखाड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर अयोध्या में अधिग्रहित अतिरिक्त जमीन को छोड़ने के लिए केंद्र सरकार के अनुरोध का विरोध किया है। अखाड़ा का कहना है कि सरकार द्वारा भूमि के अधिग्रहण से अखाड़ों की ओर से प्रबंधित कई मंदिर नष्ट हो गए थे। इसलिए अखाड़ा चाहता है कोर्ट विवाद पर फैसला करे।

सरकार ने जमीन साल 1994 में अधिग्रहित की थी। इस साल जनवरी में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अनुरोध किया था कि वह अयोध्या की लगभग 67 एकड़ जमीन उसके मूल मालिकों को जारी कर दे। सरकार ने यह तर्क दिया कि इस जमीन पर कोई विवाद नहीं है। इस 67 एकड़ में से 42 एकड़ राम जन्मभूमि न्यास से संबंधित है।

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक निर्मोही अखाड़ा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर कहा गया है कि सरकार द्वारा अधिग्रहण से ऐसे कई मंदिर नष्ट हो गए हैं जिनका प्रबंधन अखाड़ा करता था। केंद्र सरकार के रुख के खिलाफ अर्जी दायर करते हुए निर्मोही अखाड़ा ने सुप्रीम कोर्ट से का है कि वह इस विवाद का निपटारा करे। फिलहाल राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट का मध्यस्थता पैनल इस मामले से संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श कर रहा है। न्यायालय में मामले की सुनवाई चल रही है।