राहुल से मुलाक़ात के बाद दूर हुई नाराज़गी

नई दिल्ली: पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पिछले कुछ दिनों से सारे काम छोड़कर चुपचाप बैठे थे. उनका कांग्रेस में किसी नेता से कोई संपर्क भी नहीं था. ऐसी जानकारी उनसे जुड़े सूत्रों ने दी थी. हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी अब दूर हो गई है. सिद्धू ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मुलाकात की. पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने को कहा है. सिद्धू 10 अप्रैल से शुरू कर 40 दिन तक पार्टी के लिए प्रचार करेंगे. नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को ट्वीट किया, 'कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी से मुलाकात हुई. उन्होंने मुझे निर्देश दिया कि धुआंधार प्रचार करूं और कार्यक्रम के विस्तृत ब्यौरे के लिए अहमद पटेल से मिल लूं.' 'प्रचार 10 अप्रैल से शुरू होगा. 40 दिन तक चलेगा.'

बता दें कि सिद्धू की कांग्रेस से नाराजगी की वजह पत्नी नवजोत कौर को उनकी पसंद की चंडीगढ़ सीट से टिकट नहीं मिलने को लेकर थी. टिकट देने से कांग्रेस ने मना कर दिया. इस सीट से कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता पवन बंसल को उम्मीदवार बनाया गया है. पहले चर्चा थी कि नवजोत कौर को अमृतसर सीट से टिकट दिया जा सकता है, जहां से अमरिंदर सिंह ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के अरुण जेटली को हराया था. लेकिन इन चर्चाओं पर भी तब विराम लग गया जब कांग्रेस ने अमृतसर लोकसभा सीट से गुरजीत सिंह ओजला को टिकट दे दिया.

साल 2014 में अमृतसर से अरुण जेटली को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी थी. सिद्धू ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया था. बताया जा रहा है कि मोगा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में उन्हें बोलने के लिए आमंत्रित नहीं करने पर भी वह नाराज थे. इसके साथ ही उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि वह इस बात से भी नाराज हैं कि वह छत्तीसगढ़ के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं हैं, हालांकि वह देश भर में चुनाव प्रचार की मांग में बने हुए हैं.

पिछले कुछ महीनों में नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के रिश्तों में खटास आई है. इसके पीछे नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान और वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान पर दिए गया बयान है. देश के बजाय इमरान खान के साथ अपनी दोस्ती को तवज्जो देने पर पार्टी ने कथित तौर पर उन पर कुछ बंदिशें लगा दीं.

13 लोकसभा सीटों वाले पंजाब में कांग्रेस के पास अभी चार सीटे हैं, वहीं अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को भी चार सीटें मिली थीं. इसके अलावा बाकी की सीटें अकाली-भाजपा गठबंधन को मिली थीं.