नन्हे शातिरों ने लखनऊ मेट्रो में बिसात बिछाकर चली शातिराना चालें
लखनऊ। नवाबों के शहर में शतरंज की जागरूकता में एक अहम पड़ाव तब पार किया जब रविवार सुबह कुछ नन्हें शतरंज खिलाड़ियों ने लखनऊ मेट्रो में ब्लैक एंड व्हाइट चेस क्लब (सीसीबीडब्लू) स्पीड चेस टूर्नामेंट का आनंद उठाया। देश में पहली बार एक नए अंदाज में मेट्रो के आईटी स्टेशन से एयरपोर्ट तक आयोजित सफर में आठ से 15 साल के आयु वर्ग के बच्चों ने शतरंज की बादशाहत की जंग लड़ी।
इस अनूठे स्पीड टूर्नामेंट में जयपुरिया स्कूल के 14 वर्षीय आर्यन सिंह ने इस टूर्नामेंट की विजेता स्पीड चेस ट्राफी जीत ली। वहीं एडीएसवी प्रसाद दूसरे और शिवांश टंडन तीसरे स्थान पर रहै। लखनऊ की सबसे कम उम्र की फिडे रेटेड खिलाड़ी सान्वी अग्रवाल चौथे और अणर्व अग्रवाल पांचवें स्थान पर रहे। सर्वश्रेष्ठ गर्ल्स प्लेयर की ट्राफी लखनऊ की शीर्ष रेटेड खिलाड़ी हिम्मिका अमरनानी (अंडर-14) ने जीती। वहीं दूसरे स्थान पर यशिता टंडन रहीं।
लखनऊ मेट्रो के सहयोग से आयोजित इस टूर्नामेंट में पीआरओ पुष्पा बेलानी पूरे टूर्नामेंट के दौरान साथ रही। इसी के साथ आज सुबह मेट्रो का सफर करने वाले यात्रियों के लिए अनूठी यादगार बन गया जब उन्होंने लड़के व लड़कियों को ट्विन मेट्रो कोचेज में तीन मिनट टाइम कंट्रोल के अंतर्गत स्पीड चेस खेलते देखा। इसी के साथ इलियास खान ग्रुप के युवा कलाकारों ने इस पूरे टूर्नामेंट को गिटार की धुन पर बॉलीवुड गानों के साथ यादगार बना दिया। वहीं 64 खानों में खेले जाने वाले शतरंज की चालों की गति शहर में चलती मेट्रो के बराबर हो गई।
सीसीबीडब्लू के निदेशक व पूर्व शतरंज चैंपियन डा.जुनैद अहमद ने कहा कि अगर आपको शतरंज से प्यार है तो आप इसस कही भी और कभी भी खेल सकते है। वैसे शतरंज भी मेट्रो की तरह लखनऊ की संस्कृति और इतिहास की झलक दिखाता है।
लखनऊ मेट्रो की पीआरओ पुष्पा बेलानी ने कहा कि मै मेट्रो की तेज गति के बावजूद इन बच्चों द्वारा टूर्नामेंट के दौरान दिखाए गए आत्मविश्वास व एकाग्रता को देखकर काफी प्रभावित हुई। लखनऊ मेट्रो इस टूर्नामेंट के आयोजन में सहयोग को लेकर काफी खुश है।
इस टूर्नामेंट के मुख्य अतिथि उर्दू कवि और शतरंज प्रेमी अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि इस माहौल में इन नन्हें बच्चों ने जिस तरह तेजी से चालें चली वह काबिलेतारीफ है जबकि सामान्यतौर पर शतरंज टूर्नामेंट शांत हाल में आयोजित किए जाते है। वहीं फिडे आर्बिटर हेमंत शर्मा ने एक हाथ से लैपटाप संभालते और दूसरे हाथ से पेयरिंग बनाते हुए भी कमाल का संतुलन दिखाया।