चीन का 10 टुकड़ों में बंट जाना मानवजाति के लिए बेहतर: चीनी लेखक
पेरिस : चीन को पूरी दुनिया के लिए खतरा करार देते हुए एक चीनी लेखक ने कहा है कि अगर यह आर्थिक महाशक्ति दस टुकड़ों में 'टूटती' है तो यह मानवजाति के लिए बेहतर होगा। थियानमेन चौक पर हुए प्रदर्शन को लेकर 'मैसकर' कविता लिखने के लिए जेल जा चुके चीनी लेखक लियाओ यिवु ने कहा कि अगर आर्थिक महाशक्ति टूटती है तो मानवता के लिए बेहतर होगा, क्योंकि चीन पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुका है।
'बॅाल्स ऑफ ओपियम' नामक पुस्तक लिखने वाले यिवु ने कहा, 'मेरा सपना है कि चीन दस हिस्सों या देशों में बंट जाए, क्योंकि चीन, जैसा आज है, वह पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुका है।' उनकी पुस्तक का प्रकाशन फ्रांस में हुआ है और चीन में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस पुस्तक में थियानमेन नरसंहार के पीड़ितों की कहानी बयां की गई है। बीजिंग के थियानमेन चौक पर 1989 में प्रदर्शन कर रहे हजारों लोकतंत्र समर्थकों की सेना ने हत्या कर दी थी ।
इस नरसंहार को '04 जून की घटना' के रूप में भी जाना जाता है, जो चीन के इतिहास में एक बड़ा धब्बा है। बर्लिन में 2011 से निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे लियाओ ने कहा, 'चीन लौटना मेरे लिए बड़ी चिंता नहीं है । मैं अपने गृह प्रदेश सिचुआना जाना चाहूंगा….जब वह आजाद हो जाएगा। तब लौटकर मुझे प्रसन्नता होगी।'
कवि और संगीतकार लियाओ चीन के गरीबों के जीवन की रिपोर्टिंग कर चुके हैं और कैद में उन पर अत्याचार किया गया था। मानवाधिकार समूहों के अनुसार पुलिस ने रिहा किए जाने पर उन्हें प्रताड़ित किया था। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में देश में बढ़ते तानाशाही शासन को लेकर बहुत निराश हैं।
उन्होंने कहा, '30 साल पहले हमने सोचा कि हम लोकतंत्र की तरफ बढ़ सकते हैं। आज सबकुछ धन अर्जित करने के लिए है।' लियाओ ने कहा, 'पश्चिमी देशों में से हर एक ने (थियानमेन) नरसंहार के बाद चीन की आलोचना की थी। अब सभी उसके साथ व्यापार करने के लिए लड़ते हैं, जबकि वहां लोगों को गिरफ्तार करना और मारना जारी है।'