पहले दौर के दंगल में सिर्फ 6 दिन, तिकड़मबाज़ी में जुटे उम्मीदवा
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी
राज्य मुख्यालय लखनऊ।देश की सबसे बड़ी पंचायत में जाने के लिए नेताओं के द्वारा अपना ख़ून पसीना बहाने में कोई कमी नही छोड रहे है सांसद बनने के लिए जनता को गुमराह करने को तरह-तरह के प्रलोभन देने से भी बाज़ नही आ रहे है और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना बैठा है।यूपी की जिन 8 सीटों पर पहले चरण में चुनाव होने है उनमें सहारनपुर , कैराना , मुज़फ्फरनगर , बिजनौर , बागपत , मेरठ , ग़ाज़ियाबाद व गौतमबुद्ध नगर शामिल है ग़ाज़ियाबाद को छोड सातों सीटों पर गठबंधन मोदी की भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहा है आठ में से सात सीट गठबंधन जीतता दिख रहा है क्योंकि मोदी की भाजपा का विरोधी वोट गठबंधन के साथ लामबंद लग रहा है उसमें ऐसा नही है कि सिर्फ़ दलित और मुसलमान ही शामिल है इसमें और भी बहुसंख्यक वोट शामिल है जो मोदी के झूट से थक चुका है काम की कोई बात नही है सिर्फ़ हिन्दु-मुसलमान की बातों के अलावा इनके पास कुछ नही है न रोज़गार की बात करती है न विकास की बात करती है इस लिए अन्य वोट भी गठबंधन को ही जाता दिख रहा है यही वजह है गठबंधन मजबूत हो रहा है। जहाँ कांग्रेस के घोषणा पत्र ने मोदी की भाजपा को हिन्दु-मुसलमान करने पर मजबूर कर दिया है वही कांग्रेस न्याय योजना को बड़ी मज़बूती से जनता के सामने रख रही है कांग्रेस की इन जनहित की योजनाओं का यूपी में तो कोई ख़ास प्रभाव पड़ता नही दिख रहा है क्योंकि यहाँ का सियासी परिदृश्य बसपा-सपा और रालोद के बीच हुए गठबंधन ने यूपी में कांग्रेस का खेल ख़राब कर दिया है लेकिन जहाँ कांग्रेस और मोदी की भाजपा में सीधी लडाई है वहाँ मोदी की भाजपा लाचार और मजबूर दिखाई दे रही है देशभर की 91 सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान होना है जिसमें यूपी की भी 8 सीट शामिल है मात्र छह दिन बचे है मतदान में और मोदी की भाजपा अब तक अपना चुनावी घोषणा पत्र भी नही ला पायी है अब इसे क्या कहा जाए क्या मोदी की भाजपा अपने चुनावी घोषणा पत्र की पहले से तैयारी नही कर पायी थी या देश की जनता को 15-15 लाख देने जैसा कोई टोटका नही मिल रहा है।कांग्रेस के रणनीतिकारों ने मोदी की भाजपा के झूट को अपने सच से दबा दिया है पिछले दिनों पाँच राज्यों में हुए चुनाव के दौरान किसानों से किए वायदे दस दिन में पूरे करने का जो वचन दिया था उन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनने पर घंटों में पूरा कर जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता को मजबूत किया है जिसकी वजह से कांग्रेस के घोषणा पत्र की लोगों में ख़ूब चर्चा हो रही है जैसे 25 करोड़ ग़रीब परिवारों के लिए हर साल 72000 हज़ार रूपए देने की घोषणा का असर काफ़ी देखने को मिल रहा है हर ग़रीब परिवार के मन में यही बात आ रही है कि कांग्रेस की सरकार आने पर कम से कम छह हज़ार रूपये महीना तो मिल ही जाएँगे हालाँकि मोदी की भाजपा जनता को ये बताने पर लगी है की अगर कांग्रेस सरकार बनती भी है तो ये करना कांग्रेस के लिए मुमकिन नही है जबकि RBI के गवर्नर रहे और बड़े अच्छे अर्थशास्त्रियों में शुमार रघुराम राजन कांग्रेस की इस स्कीम की तारीफ़ कर रहे है उनका कहना है कि दुनिया सबसे अच्छी स्कीमों में से एक स्कीम साबित होगी और सफल भी रहेगी।वही कांग्रेस का कहना है कि हमने मनरेगा चलायी , भोजन का अधिकार लाए हमने 72 हज़ार करोड़ किसानों का ऋण मांफ किया तब भी भाजपा आज की मोदी की भाजपा यही कहती थी ये नही हो सकता लेकिन हमने तब भी कर दिखाया था और ये भी हम कर दिखाएँगे ये मोदी की भाजपा 15-20 उद्योगपतियों की सरकार है जब उनका लाखों करोड़ का ऋण मांफ हो सकता है तो किसानों का क्यों नही हो सकता है कांग्रेस की यही बात मोदी की भाजपा पर भारी पड़ रही है जिसकी वजह से मोदी की भाजपा हिन्दु-मुसलमान और पाकिस्तान पर उतर आई है क्या देश की जनता रोज़गार पर विकास पर किसान के मुद्दे पर वोट करेगी या मोदी की भाजपा के फ़र्ज़ी हिन्दु-मुसलमान की बेवक़ूफ़ी की बातों पर वोट करेगी ये आने वाली 23 मई को पता चलेगा लेकिन जिस तरह मोदी की भाजपा में बोखलाट देखी जा रही है उससे यही लग रहा है कि मोदी की भाजपा का काम लग गया है।