पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में बुधवार को थोडी उथल-पुथल देखने को मिली. सीतामढ़ी से जदयू ने अपने नए उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है और उसने डॉ वरुण कुमार की जगह सुनील पिंटू (सुनील कुमार पिंटू) को अपना उम्मीदवार बनाया है. दरअसल नामांकन से पहले ही सीतामढ़ी से जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार डॉक्टर वरुण कुमार ने अपना टिकट लौटा दिया और चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया. इसके बाद जदयू के भीतर भी गहमागहमी शुरू हो गई. आनन-फानन में बीजेपी नेता सुनील कुमार पिंटू को बीजेपी से जदयू में शामिल किया गया और फिर उन्हें सीतामढ़ी सीट से टिकट दिया गया.

डॉ वरुण कुमार द्वारा टिकट लौटाए जाने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व विधायक और बिहार सरकार में मंत्री रह चुके सुनील कुमार पिंटू को सीतामढ़ी से लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया. इसकी जानकारी बुधवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जदूय नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने दी. खास बात रही कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही पहले सुनील कुमार पिंटू को जेडीयू की सदस्यता दिलाई गई और उनके उम्मीदवारी की घोषणा की गई.

बता दें कि बुधवार को सुबह खबर आई कि वरुण ने नीतीश कुमार से मिलकर चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें न तो जनता दल यूनाइटेड का और न ही भाजपा का कोई नेता बहुत महत्व दे रहा था. वे इसलिए काफी परेशान थे. इसलिए उन्होंने नामांकन से पहले ही टिकट लौटा दिया. बता दें, सीतामढ़ी में 6 मई को मतदान हैं. बिहार में नीतीश कुमार की जदयू, भाजपा और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रही है. भाजपा और जदयू 17-17 और लोजपा छह सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

जदयू ने जिन सुनील कुमार पिंटू को सीतामढ़ी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है, राजनीति में उनका कद काफी बड़ा है. सुनील कुमार 4 बार विधायक रह चुके हैं और नीतीश सरकार में मंत्री भी. वह बीजेपी के कद्दावर नेता रहे हैं. वह इससे पहले तक बीजेपी के टिकट पर ही विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं.