नादान हैं वह जो मुझे नादान समझते हैं
तेजप्रताप यादव ने छात्र इकाई के संयोजक पद से दिया इस्तीफ़ा
बिहार : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की छात्र इकाई के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया।
इससे पहले तेज प्रताप ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी लेकिन उन्होंने वह मीडिया के सामने पेश नहीं हुए और अंत समय में उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को रद्द कर दिया। तेज प्रताप के इस कदम से संकेत गया कि आरजेडी के परिवार में 'सब कुछ ठीक-ठाक नहीं' है।
तेज प्रताप ने अपने ट्वीट से पार्टी नेतृत्व पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'नादान हैं वह जो लोग मुझे नादान समझते हैं। कौन कितना पानी में है, सबकी है खबर मुझे।' समझा जा रहा है कि तेज प्रताप लोकसभा चुनाव में अपने कुछ करीबियों को पार्टी का टिकट दिलवाना चाहते थे लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाए और इसी के चलते उनकी नाराजगी सामने आई है।
मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि तेज प्रताप अंगेश कुमार को शिवहर और चंद्रप्रकाश यादव को जहानाबाद सीट से टिकट दिलवाना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि अपने करीबियों को टिकट मिलने का आश्वासन नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश करते हुए संवाददाता सम्मेलन में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने का ऐलान किया।
सूत्रों का यह भी कहना है कि तेज प्रताप की मंशा की जानकारी होने पर राजद के शीर्ष नेतृत्व ने उनसे संपर्क किया। इसके बाद तेज प्रताप ने अंतिम समय में मीडिया के सामने न जाने और अपने आवास पर रुकने का फैसला किया। यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप ने पार्टी के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है। तेज प्रताप को लगता है कि पार्टी के सांगठनिक मामलों में उनकी पकड़ कमजोर हो रही है और पार्टी में उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव की तरह उन्हें अहमियत नहीं दी जा रही है।
वहीं, दरभंगा के मौजूदा सांसद आजाद ने कहा, 'अगर किसी को अपनी मौजूदा सीट से ही लड़ने का मौका नहीं मिले तो यह भावी उम्मीदवारों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी पार्टी के लिए बेहद हताशापूर्ण है। मैं कांग्रेस के सर्वोच्च नेतृत्व से अनुरोध करूंगा कि वह स्पष्ट रूप से विचार करे और कुछ निर्णायक कदम उठाए।' क्रिकेटर से राजनेता बने आजाद महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के दबाव से खुश नहीं हैं जो दरभंगा सीट से चुनाव लड़ने पर ही जोर दे रहा है। दोनों पार्टियों के बीच इस सीट को लेकर खींचतान चल रही है।