गोवा में आधी रात बाद MGP में तोड़फोड़, 2 विधायक बीजेपी में शामिल
पणजी: गोवा में तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मंगलवार देर रात सरकार में शामिल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) टूट गई। पार्टी के दो विधायक बीजेपी में शामिल हो गए, जिसके बाद 36 सदस्यों की मौजूदा क्षमता वाली गोवा विधानसभा में बीजेपी की सदस्य संख्या बढ़कर अब 14 हो गई है। MGP के तीन विधायक थे, जिनमें से दो ने बीजेपी के साथ विलय के लिए गोवा विधानसभा के अध्यक्ष को पत्र दिया।
MGP के दो विधायकों मनोहर अजगांवकर और दीपक पवास्कर ने मंगलवार देर रात करीब 1:45 बजे गोवा विधानसभा के अध्यक्ष माइकल लोबो को बीजेपी में विलय का पत्र सौंपा। हालांकि इसमें पार्टी के एक अन्य विधायक सुदिन धवालिकर के हस्ताक्षर नहीं हैं, जो मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अगुवाई वाली गोवा की गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। बीजेपी नेतृत्व वाली इस गठबंधन सरकार में MGP के अलावे गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) भी शामिल है और इसे तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल है।
गोवा में मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद प्रमोद सावंत सीएम बने। उनका शपथ-ग्रहण भी 18 मार्च को देर रात करीब दो बजे हुआ था। राजभवन में आयोजित एक संक्षित कार्यक्रम में सावंत के अलावे 11 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। सावंत सरकार ने 20 मार्च को गोवा विधानसभा में शक्ति परीक्षण जीत लिया था। सरकार के समर्थन में 20 वोट पड़े थे। एमजीपी के दो विधायकों के बीजेपी में आने पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे सरकार को स्थिरता और मजबूत होगी।
एमजीपी के जिन दो विधायकों ने बीजेपी में विलय का पत्र स्पीकर को सौंपा है, उन पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा, क्योंकि कानूनन यदि दो तिहाई विधायक एक साथ पार्टी छोड़ते हैं, तो उन्हें एक अलग दल के रूप में मान्यता दी जा सकती है और उनकी विधानसभा सदस्यता भी बरकरार रह सकती है।
गोवा में इस बड़े उलटफेर के बीच विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है। गोवा कांग्रेस के सुनील कावथंकर ने कहा कि इससे साबित हो गया है कि बीजेपी अपने गठबंधन सहयोगियों के लिए ही खतरा बन गई है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी बीजेपी की सहयोगी पार्टियों को आगाह किया और कहा कि आगे चलकर उनके अस्तित्व पर संकट आ सकता है।
इस बीच, ऐसी चर्चा है कि धवालिकर को कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है, जबकि बीजेपी में विलय करने वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। बीजेपी का दामन थामने वाले पवास्कर ने कहा, 'धवालिकर को अब मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया जाना चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें गोवा में जो भी मंत्रिमंडल दिया जाएगा, उसे वह स्वीकार करेंगे।
वहीं, अजगांवकर ने कहा कि एमजीपी में दलितों की स्थिति को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि दलित होने के नाते वह पार्टी में अपने बने रहने को लेकर आश्वस्त नहीं थे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कई दलित नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया गया। अजगांवकर पहले से ही सावंत सरकार में मंत्री हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी की जीत का दावा किया।