मुरली मनोहर जोशी ने नहीं माना अमित शाह का आदेश
नई दिल्ली: पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तरह मुरली मनोहर जोशी भी इस बार चुनावी समर में नहीं दिखेंगे। कानपुर से बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी का टिकट कट गया है।
खबर है कि जोशी को इस आशय का संदेश भिजवा दिया गया है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने संगठन महासचिव रामलाल ने सोमवार को मुरली मनोहर जोशी के पास ‘दूत’ बनाकर भेजा। रामलाल ने जोशी से मुलाकात कर संदेश दिया कि पार्टी का फैसला है कि इस बार वह चुनाव न लड़ें। वह खुद मुख्यालय में जाकर चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करें।
बताया जाता है कि ‘दूत’ का यह संदेश जोशी को नागवार गुजरा। उन्होंने इस तरह की घोषणा करने से साफ इनकार कर दिया। जोशी ने कहा कि पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाना नहीं चाहती है तो कम से कम अध्यक्ष अमित शाह खुद इसकी जानकारी देते।
इसके बाद सोशल मीडिया पर एक पन्ना भी शेयर हो रहा है। इस पर तीन लाइनें लिखी हुई हैं और नीचे ‘मुरली मनोहर जोशी’ टाइप किया हुआ है। इसमें कानपुर के मतदाताओं को संबोधित करते हुए बताया गया है कि भाजपा महासचिव रामलाल ने मुझे यह बताया कि मुझे कानपुर या कहीं और से संसदीय चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।
2014 के चुनाव में मुरली मनोहर जोशी ने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए साल वाराणसी सीट छोड़ी थी। चुनाव जीतने के बाद से ही उन्हें धीरे-धीरे पार्टी में किनारा किया जाने लगा। बताया जाता है कि इस बार पार्टी ज्यादा उम्रदराज नेताओं को टिकट नहीं दे रही है।
इसी के तहत लालकृष्ण आडवाणी का भी टिकट काटा गया। अटकल ऐसी भी है कि आडवाणी को भी पार्टी की ओर से संदेश गया था कि वह खुद चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दें, लेकिन उन्होंने भी ऐसा करने से इनकार कर दिया।
पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं शांता कुमार और करिया मुंडा को फोन कर चुनाव नहीं लड़ने संबंधी पार्टी के फैसले की सूचना दी थी। इन नेताओं से कहा गया था कि ये लोग इस बात की घोषणा करें कि वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इसके बाद शांता कुमार, करिया मुंडा और कलराज मिश्र ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी।
भाजपा ने उत्तर प्रदेश के लिए स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की है, उसमें भी चुनाव से बाहर रखे गए किसी बुजुर्ग नेता का नाम नहीं है। सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और उमा भारती का नाम शामिल है। इससे पहले भाजपा ने यह निर्णय लिया था कि 75 साल से अधिक के उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ेंगे।