प्रदूषण बनेगा मुख्य चुनावी मुद्दा, क्लाइमेट एजेंडा ने जारी किया “पर्यावरण पर जन घोषणा पत्र”
लखनऊ: क्लाइमेट एजेंडा द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की जनता के साथ सघन जन संपर्क से तैयार किया गया “पर्यावरण पर जन घोषणा पत्र” आज यूपी प्रेस क्लब के सभागार में जारी किया गया | प्रेस वार्ता को सौ प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान की मुख्य अभियानकर्ता एकता शेखर और शहर की प्रतिष्ठित सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ता ताहिरा हसन ने संयुक्त रूप से संबोधित किया.
इस प्रेस वार्ता के दौरान “पर्यावरण पर जन घोषणा पत्र” के बारे में बताते हुए एकता शेखर ने कहा “प्रादेशिक स्तर पर अभियान से जुड़े 350 से अधिक जन संगठनों के साथ व्यापक संवाद के आधार पर उत्तर प्रदेश अभियान एवं क्लाइमेट एजेंडा ने यह घोषणा पत्र बनाया है. आगामी लोकसभा चुनाव लड़ रहे सभी राजनैतिक दलों को यह जन घोषणा पत्र दे दिया गया है. अभियान को यह आशा है कि राजनैतिक दल आम जनता के बीच से सीधे आने वाले पर्यावरण संबंधी इन मांगों को अपने राजनैतिक घोषणा पत्रों में उचित स्थान देंगे और चुनाव बाद उन वायदों को पूरा भी करेंगे.”
जन घोषणा पत्र में शामिल किये गए मुद्दों के बारे में एकता शेखर ने बताया “राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को देश भर के तमाम शहरों में लागु किया जाना, बिजली आधारित सार्वजनिक परिवहन, औद्योगिक इकाइयों में उत्सर्जन मानकों का सख्ती से अनुपालन, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण आदि महत्व के सवालों को इसमे शामिल किया गया है. ऊर्जा उत्पादन के मामले में घोषणा पत्र में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि कोयला आधारित सभी तापीय बिजली घरों को चरणश: बंद किया जाए, नए तापीय बिजली घरों को अनुमति ना मिले और देश को अगले 15 वर्षों में सौर ऊर्जा व अन्य स्वच्छ ऊर्जा आधारित बनाया जाए. कचरा निष्तारण के लिए सभी नगर निगमों को 2024 तक दक्ष बनाते हुए शहरों को शुन्य अपशिष्ट उत्पादक बनाया जाए.”
जन घोषणा पत्र में जुड़े मुद्दों के बारे में बताते हुए ताहिरा हसन ने कहा “डीजल आधारित परिवहन देश में प्रदूषण का एक बड़ा कारण है. अंतिम व्यक्ति तक संपर्क के लिए सौर ऊर्जा आधारित बिजली चलित वाहनों के उपयोग से प्रदूषण भी कम होगा, साथ ही लाखों जाने बचेंगी. अब तक चुनिन्दा जगहों पर ही वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाती है. इसका दायरा बढ़ा कर देश के सभी क्षेत्रों में इसे लागु किये जाने और हर नागरिक तक स्वास्थ्य सलाह पहुंचाने की मांग भी शामिल की गयी है. ईंट भट्ठों के कारण ग्रामीण इलाकों में पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य का निरंतर नुकसान हो रहा है. इस सन्दर्भ में, जन घोषणा पत्र में इन ईंट भट्ठों को भी सख्त निगरानी एवं स्वच्छ ऊर्जा आधारित बनाए जाने की मांग शामिल की गयी है.”
इस सन्दर्भ में ताहिरा हसन ने आगे बताया “महिलाएं और बच्चे वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. लकड़ी, कोयले आदि का घरेलू इंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाना इसका एक प्रमुख कारण है. जन घोषणा पत्र में यह भी मांग रखी गयी है कि देश भर में तरल पेट्रोलियम गैस के दाम को इतना किफायती रखा जाए कि सौ प्रतिशत घरों में धुंआ रहित चुल्हा जल सके, और महिलाओं, बच्चों के साथ साथ पर्यावरण की सेहत का बचाव भी संभव हो सके.
ज्ञात हो कि हाल ही में जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में सबसे प्रदूषित 20 शहरों में भारत के 15 शहर शामिल थे. विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, भारत में लगभग 6.5 लाख लोग हर साल वायु प्रदूषण के कारण मारे जाते हैं. केवल उत्तर प्रदेश में प्रति घंटे 4 नवजात बच्चों की मौत वायु प्रदूषण के कारण होती है.
साथ ही, 10 जनवरी 2019 को लालबाग स्थित नगर निगम कार्यालय के सामने लगाया गया कृत्रिम मास्क गंभीर प्रदूषण के कारण मात्र 24 घंटे में ही काला पड़ गया था. ऐसे में, सौ प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान अब इसे बेहद जरूरी मानता है कि देश में चुनाव के दौरान पर्यावरण अब एक गंभीर सवाल के रूप में प्रतिष्ठित हो, और सभी राजनैतिक दल रोटी, कपड़ा, मकान, रोजगार आदि के साथ साथ पर्यावरण पर भी एक स्पष्ट एजेंडा बना कर चुनाव लड़ें. अभियान सभी मतदाताओं से अधिक अधिक मतदान का आग्रह करते हुए यह अपील भी करता है कि अपना मत उसे ही दें, जो प्रत्याशी या पार्टी पर्यावरण पर सबसे ज्यादा संवेदनशीलता दिखाए.