अगर बाहर बैठे लोगों की तरह सोचता तो घर पर बैठा होता
गंभीर की आलोचना पर कोहली का करारा जवाब
चेन्नई, 23 मार्च: विराट कोहली ने गौतम गंभीर की टिप्पणी के संबंध में शुक्रवार को पूर्व सलामी बल्लेबाज का नाम लिये बिना कहा कि अगर वह यह सोचने लगें कि बाहर बैठे लोग क्या कह रहे हैं तो वह घर पर बैठे होते।
गंभीर की टिप्पणी के बारे में कोहली ने कहा, 'निश्चित रूप से आप आईपीएल जीतना चाहते हो। मैं वही कर रहा हूं जो मुझसे करने की उम्मीद की जाती है। मैं परवाह नहीं करता कि मेरे आईपीएल जीतने या नहीं जीतने पर आलोचना की जायेगी। आप किसी भी तरह की सीमायें नहीं बनाते। मैं कोशिश करता हूं कि अपना सर्वश्रेष्ठ करूं, जितना कर सकता हूं। मैं सभी संभावित खिताब जीतना चाहता हूं, लेकिन कभी कभार ऐसा नहीं होता।'
कोहली ने कहा, 'हमें इसके बारे में व्यवहारिक होना चाहिए कि हम ऐसा क्यों नहीं कर सके। ऐसा दबाव भरे हालत में खराब फैसले करने से हुआ। अगर मैं बाहर बैठे लोगों की तरह सोचता तो मैं पांच मैच भी नहीं खेल सकूंगा और घर पर बैठा होता।'
इससे पहले गौतम गंभीर ने कहा था कि विराट कोहली सौभाग्यशाली हैं कि एक भी खिताब न जीतने के बावजूद आरसीबी ने उन्हें टीम का कप्तान बनाए रखा। विराट कोहली 2008 में पहले ही सीजन से ही आरसीबी से खेल रहे हैं जबकि 2013 से ही वह टीम के कप्तान हैं। लेकिन आरसीबी अब तक एक बार भी आईपीएल खिताब नहीं जात पाई है।
गंभीर ने आईपीएल जीतने के दावेदारों की चर्चा करते हुए कहा था कि विराट कोहली एक चतुर कप्तान नहीं है। गंभीर ने कहा था, 'वह आरसीबी का हिस्सा रहे हैं और सात-आठ सालों से आरसीबी की कप्तानी कर रहे हैं। वह बहुत भाग्यशाली रहे हैं और उन्हें फ्रेंचाइजी को शुक्रिया अदा करना चाहिए जिसने उन्हें बरकरार रखा। क्योंकि ज्यादा कप्तानों को इतना मौका नहीं मिला अगर उन्होंने टूर्नामेंट न जीता हो।'