देश के विशेष खिलाड़ियों के प्रति उदासीन रवैया क्यों ?
लखनऊ: 14 से 21 मार्च के मध्य आबू धाबी में वर्ल्ड स्पेशल ओलिम्पिक्स का आयोजन हुआ है जिसमें विश्व के 190 से अधिक देशों के मानसिक मंद बुद्धि बालक व बालिकाओं ने प्रतिभाग किया I इसमें भारत देश को सर्वाधिक मैडल प्राप्त करने का सौभाग्य तो मिला, परन्तु खेद का विषय है कि सरकार की उदासीनता तो दूर, इस महत्वपूर्ण जानकारी को प्रकाशित करने का माद्दा न तो प्रिंट और न हीं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने दिखाया I वहीं क्रिकेट अथवा हॉकी आदि की छोटी से छोटी खबर को भी जोर शोर से प्रकाशित किया जाता है I इससे यह आभास होता है कि इक्कीसवीं सदी में भी जब समाज विशेष बच्चों के प्रति उदासीन बना हुआ है, हम इन बच्चों से भविष्य में देश के गौरव को बढ़ाने की आशा कैसे कर सकते हैं ?