इस्लामोफोबिया के खिलाफ उठाएं कदम
इस्तांबुल में मुस्लिम देशों की अपील
इस्तांबुल: न्यूजीलैंड में दो मस्जिदों पर हुई गोलीबारी के बाद मुस्लिम देशों ने शुक्रवार को इस्लाम को लेकर फैलाए जा रहे डर के खिलाफ ''वास्तविक कदम" उठाए जाने की अपील की। 'ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन' (ओआईसी) के मंत्रियों ने इस्तांबुल में एक बैठक के बाद कहा कि इस्लामोफोबिया (इस्लाम को लेकर डर) से उत्पन्न हिंसा के खिलाफ ''वास्तविक, व्यापक और व्यवस्थित उपाय" की आवश्यकता है ताकि इस समस्या से निपटा जा सके।
ओआईसी ने कहा कि मस्जिदों पर हमले और मुस्लिमों की हत्याएं इस्लाम के खिलाफ घृणा के "क्रूर, अमानवीय और भयानक परिणाम" दर्शाती है। उसने कहा कि मुस्लिम समुदायों, अल्पसंख्यकों या प्रवासियों वाले देशों को ऐसे "बयानों और प्रथाओं से बचना चाहिये जो इस्लाम को आतंक, उग्रवाद और खतरे से जोड़ते हैं।
वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ओआईसी की इस आपात बैठक के बाद कहा, ''मानवता ने जिस तरह यहूदियों के नरसंहार के बाद यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी…ठीक इसी तरह से इस्लाम के खिलाफ पैदा हो रहे डर के खिलाफ भी उसी प्रतिबद्धता से लड़ना चाहिए।" उन्होंने कहा, ''अभी हम इस्लामोफोबिया और मुसलमानों के खिलाफ नफरत का सामना कर रहे हैं।"
गौरतलब है कि न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में 15 मार्च को दो मस्जिदों में जुमे की नमाज के दौरान ऑस्ट्रेलियाई मूल के ब्रेन्टन टैरंट ने गोलीबारी कर दी । इसमें महिलाओं और बच्चों सहित 50 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे।