चुनाव आयोग ने कहा-‘सशस्त्र बलों की कार्रवाईयों पर प्रचार-प्रसार न करें पार्टियां’
नयी दिल्ली: चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियानों के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई को आधार बनाकर चुनाव प्रचार नहीं करने को कहा है। इस नये परामर्श से कुछ दिन पहले चुनाव आयोग ने पार्टियों एवं उनके उम्मीदवारों से सुरक्षा कर्मियों की तस्वीरों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में नहीं करने को कहा था।
मंगलवार को जारी इस परामर्श में पार्टियों एवं उनके उम्मीदवारों को रक्षा बलों से संबंधित किसी भी गतिविधि का इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं करने को कहा गया है। इससे पहले चुनाव आयोग ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा था कि वह सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उसके द्वारा पूर्व में सत्यापित कराये बिना दिये जाने वाले राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक के लिए निर्देश जारी करेगा।
चुनाव आयोग ने अपने वकील प्रदीप राजागोपाल के माध्यम से उच्च न्यायालय को सूचित किया कि आयोग और सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अधिकारियों के मध्य बातचीत प्रस्तावित है।
इसके बाद, राजनीतिक विज्ञापनों और 'राष्ट्रीय हित' से संबंधित अन्य विज्ञापनों पर विभिन्न प्रतिबंधों को अंतिम रूप देकर लागू किया जाएगा। राजागोपाल ने मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एन. एम. जमदार की पीठ के सामने यह बात कही।
पीठ वकील सागर सूर्यवंशी के द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि चुनाव आयोग सोशल मीडिया पर भुगतान आधारित राजनीतिक विज्ञापनों के रूप में फर्जी खबर के विनियमन के लिए चुनाव आयोग को दिशा निर्देश दिये जाएं।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए चुनाव घोषणापत्र जारी करने की समयसीमा निर्धारित करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि मतदान से 48 घंटे पूर्व प्रचार थमने के बाद चुनाव घोषणा पत्र जारी नहीं किए जा सकेंगे।
आयोग द्वारा शनिवार को चुनाव आचार संहिता के नियमों में घोषणापत्र से संबंधित प्रावधानों को जोड़ते हुए कहा गया है कि मतदान से दो दिन पहले तक ही राजनीतिक दल अपने घोषणापत्र जारी कर सकेंगे। प्रचार अभियान थमने के बाद मतदान से 48 घंटे पहले की अवधि में घोषणा पत्र जारी नहीं किया जा सकेगा।
आयोग के प्रमुख सचिव नरेन्द्र एन बुतोलिया द्वारा सभी राजनीतिक दलों और राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी दिशानिर्देश में निर्धारित की गई यह समयसीमा एक या एक से अधिक चरण वाले चुनाव में समान रूप से लागू होगी।