चौकीदार तो अमीरों के होते हैं ग़रीबों के नहीं: प्रियंका
पार्टी में जान फूंकने के लिए प्रियंका ने शुरू की गंगा यात्रा
नई दिल्ली: आम चुनाव 2019 के लिए तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के चेहरे को एक एक कर जनता के सामने पेश कर रहे हैं। इन सबके बीच आम लोग हों या खास हर किसी की नजर देश के सबसे बड़े सूबे यूपी पर टिकी है। पार्टी में जान फूंकने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रयागराज से गंगा यात्रा की शुरुआत की । उन्होंने इस क्रम में बीजेपी पर निशाना साधा।
गंगा यात्रा के जरिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पार्टी में जान फूंकने की कोशिश में जुटी हुई है। सोमवार को उन्होंने प्रयागराज के छतनाग से इस यात्रा की शुरुआत की। यात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि देश संकट में है और इसलिए देश को बचाने के लिए निकली हैं। पिछले 45 साल में देश में बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि ये प्राइम मिनिस्टर की मर्जी है कि वो अपने नाम के आगे क्या लगाएं। लेकिन उनको किसी किसान ने कहा कि देखिए चौकीदार तो अमीरों के होते हैं, हम किसान तो अपने चौकीदार खुद होते हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि बेमतलब के मुद्दों में लोगों को उलझाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी समेत देश के नौजवानों के सामने बेरोजगारी बड़ी चुनौती है। समाज का हर तबका परेशान है। राजनीति का मतलब जनता की सेवा है और जनता की ही सेवा होनी चाहिए।मौजूदा सरकार में आवाज उठाने वालों को डराया जा रहा है।
तीन दिन में वो करीब 140 किमी की दूरी तय कर वाराणसी पहुंचेंगी। प्रियंका गांधी की इस यात्रा के लिये खास तैयारी की गई है। एक नाव को दुल्हन की तरह सजाया गया है। गंगा यात्रा की शुरुआत से पहले उन्होंने संगम में आचमन किया और छतनाग से यात्रा का श्रीगणेश हुआ। गांधी की यात्रा वाराणसी के अस्सी घाट पर समाप्त होगी। यात्रा के दौरान वो नदी किनारे आने वाले गांवों और कस्बों के लोगों से मुलाकात करेंगी। इसके साथ ही वो अलग अलग संगठनों से भी चर्चा करेंगी।
इलाहाबाद में प्रियंका गांधी के स्वागत में पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर पर लिखा गया है कि सांची बात, प्रियंका के साथ। इसके साथ ही ये भी बताया गया है कि ये एक नई शुरुआत है। बताया जा रहा है कि आज से पांच साल पहले जब पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से अपनी उम्मीदवारी दाखिल की थी तो उस वक्त उन्होंने कहा था कि वो खुद नहीं आए हैं बल्कि मां गंगा ने बुलाया है।