NZ: अपना केस खुद लड़ेगा आतंकी बेंटन
नई दिल्ली: क्राइस्ट चर्च गोलीबारी कांड का आरोपी कोर्ट में अपना पक्ष खुद रखेगा। शुक्रवार को 28 वर्षीय बेंटन टैरेंट ने अपने वकील को हटा दिया। माना जा रहा है कि वो भविष्य में होने वाली कोर्ट ट्रॉयल का इस्तेमाल अपने चरमपंथी विचारों को जाहिर करने के लिए कर सकता है। गौरतलब है कि न्यूजीलैंड के क्राइस्ट चर्च की दो मस्जिदों में ताबड़तोड़ गोलीबारी करके आरोपी ने 50 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
शनिवार को टैरेंट के अटॉर्नी रिचर्ड पीटर्स ने क्राइस्ट चर्च डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को बताया कि आरोपी दिमागी रूप से स्थिर है और अपना पक्ष खुद रखना चाहता है। उन्होंने बताया कि टैरेंट ने उन्हें शनिवार से इस केस से हट जाने की विनती की है। शनिवार को हत्या के आरोप में पेश हुए टैरेंट को पांच अप्रैल तक हिरासत की मांग की गई है।
ऑस्ट्रेलियाई काउंटर टेररिज्म पुलिस ने सोमवार को न्यू साउथ वेल्स स्थित हमलावर से जुड़े दो घरों में छापेमारी और खोज-बीन की। न्यूजीलैंड हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक पहला छापा सैंडी बीच टाउन और दूसरा छापा लॉरेन्स टाउन स्थित घरों में मारे गए। इस छापेमारी का उद्देश्य ऐसे सबूत जुटाने हैं जो न्यूजीलैंड पुलिस की जांच में मदद कर सकें। छापेमारी के दौरान टैरेंट की मां और बहन को सेफ हाउस में रखा गया।
टैरेंट के अल नूर और लिनवुड मस्जिदों में हमले के बाद न्यूजीलैंड को हाई अलर्ट पर रखा गया है। टैरेंट ने फेसबुक पर 17 मिनट तक लाइव स्ट्रीमिंग की। पुलिस के मुताबिक उसने दोनों मस्जिदों में 36 मिनट में घटना को अंजाम दिया। पुलिस का मानना है कि उसने अकेले ही नमाज अदा करने आए निर्दोष लोगों पर गोलीबारी की।
न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों पर हमला करने से पहले आतंकी ने 16,500 शब्दों का सनसनीखेज मैनिफेस्टो लिखा था। इस मैनिफेस्टो में उसने हजारों यूरोपीय नागरिकों की आतंकी हमलों में गई जान का बदला लेने के साथ श्वेत वर्चस्व को कायम करने की बात की है। उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना हीरो बताया है। आतंकी ब्रिटिश मूल का 28 वर्षीय युवक ब्रेंटन टैरेंट है जो ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला है।
आतंकी ने अपने मैनिफेस्टो 'द ग्रेट रिप्लेसमेंट' में डोनाल्ड ट्रंप को श्वेत वर्चस्व का प्रतीक माना है। इस हमले की वजह का उल्लेख करते हुए लिखा कि ये भूमि श्वेतों की है। वो हमसे कभी जीत नहीं पाएंगे। आतंकी ने तीन महीने पहले ही अल नूर मस्जिद में हमले की योजना बनाई थी। आतंकी चाहता था कि वो इस हमले से बचकर निकल जाए ताकि इससे लोगों में और डर फैले। वह यूरोप में हुई आतंकी घटनाएं से गुस्से में था।
हमला से पहले आतंकी ने हेलमेट में कैमरा पहना और घटना की लाइव स्ट्रीमिंग की। इस वीडियो में आतंकी की कार में बोस्निया युद्ध के दौरान सर्बियाई अर्ध सैनिक बलों का मार्चिंग एंथम बज रहा है। इसले अलावा आतंकी ने अपने हथियारों में ऐसे लोगों के नाम लिखे जो मुसलमानों और शरणार्थियों की हत्या के दोषी थे।