मनोहर पर्रिकर
लंबे समय से बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम निधन हो गया वो 63 वर्ष के थे। पर्रिकर का गिनती देश के सबसे ईमानदार और बेदाग छवि वाले नेताओं में होती थी। वो देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्होंने आईआईटी से ग्रेजुएशन की थी। उन्होंने 1978 में आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी।
26 साल की उम्र में पर्रिकर ने आरएसएस का दामन थाम लिया। तब तक वो आईआईटी से स्नातक की डिग्री हासिल कर चुके थे। उन्हें गोवा में उनके गृह नगर मपूसा का संघचालक नियुक्त किया गया था। 1990 में उन्होंने रामजन्म भूमि आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। वो गोवा में इस आंदोलन की कमान संभालने वाले प्रमुख लोगों में से एक थे। आरएसएस के जमीनी स्तर का कार्यकर्ता होने की वजह से संघ का विश्वास उन्हें हासिल था।
पार्रिकर की सक्रिय राजनीति में एंट्री आरएसएस की वजह से हुई। उन्हें आरएसएस ने भाजपा में भेजा। पहली बार गोवा में वो 1994 में दूसरे सदन के लिए चुने गए। इसके बाद धीरे-धीरे उनका कद तेजी से बढ़ता गया और 1999 में वो गोवा में नेता प्रतिपक्ष बने। इसके बाद 24 अक्टूबर 2000 को उन्होंने पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वो चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वो भारतीय जनता पार्टी की तरफ से गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता थे।
साल 2014 में नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री पर्रिकर को केंद्र में रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया। रक्षामंत्री के रूप में दो साल लंबे कार्यकाल में उन्होंने सालों से पेंडिंग पड़े राफेल विमान सौदे को अंतिम दौर तक पहुंचाया। इसके बाद गोवा विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद छोटे दलों को साथ लाने के लिए पर्रिकर को गोवा वापस लौटना पड़ा और वो तब से लेकर अपने देहांत तक इस पद पर बने रहे।देश के रक्षामंत्री का पद संभालने के बाद बाद उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा का सदस्य चुना गया था।
पर्रिकर का जन्म गोवा के मपूसा में 13 दिसंबर 1955 को गौड़ सारस्वत ब्राम्हण परिवार में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा गोवा के लोयला हाई स्कूल में हुई। मराठी भाषा में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन के लिए आईआईटी बॉम्बे में दाखिला लिया।
गोवा में उनकी पहचान पीपुल्स सीएम के रूप में थी। कोई भी व्यक्ति उनसे मुलाकात कर सकता था। मुख्यमंत्री रहते हुए भी मनोहर पर्रिकर सायकिल और स्कूटर पर सफर करते थे और कभी भी लोगों के बीच उनकी राय जानने पहुंच जाते थे। उन्हें गोवा में किसी भी जगह आम नागरिक की तरह घूमते देखा जा सकता था।