झोलाछाप डाक्टर बीमारी को बना देते हैं जटिल: डा.आर.आर.सिंह
देवबन्द।यूपी सरकार की घोर उदासीनता के चलते आज कल यूपी की जनता को दाद खाज खुजली की बीमारी ने अपनी चपेट में ले रखा है हर दूसरा या तीसरा आदमी इस बीमारी से ग्रस्त बताया जा रहा है देखने में आया है कि प्राईवेट डाक्टरों सहित सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी के मरीज़ों की लम्बी लाईन लगी है लोगों का कहना है कि पिछले क़रीब तीन चार महीनों से हम इस बीमारी से ग्रस्त है लेकिन सरकारी अस्पतालों में जाने के बाद इस बीमारी का कोई मुकम्मल इलाज नही किया जा रहा है वही प्राईवेट डाक्टरों के यहाँ भी ऐसे मरीज़ों की भरमार है कुछ लोगों से बात करने पर पता चला कि कई-कई महीने से दवाई खाने के बाद भी कोई आराम नही मिल रहा दवाइयाँ भी बहुत महँगी है जिनको ग़रीब आदमी नही ले सकता जैसे-तैसे वो जतन कर इस बीमारी से छुटकारा पाने का प्रयास कर रहा है।सरकार की तरफ़ से इस बीमारी के इलाज को कोई ख़ास ध्यान नही दिया जा रहा जिसकी वजह से ग़रीब जनता अपना इलाज प्राईवेट कराने को मजबूर हो रहे है।इस बीमारी के होने के कारण जानने के लिए हमने इसी बीमारी के विषेशयज्ञ एमबीबीएस DR. R.R.सिंह से बात की जिसके बाद ये बात सामने आई कि यह बीमारी मरीज़ों की लापरवाही की वजहों से बढ़ रही है इस बीमारी की ख़ास बात ये होती है कि जब ये बीमारी किसी को हो जाती है तो उसके कपड़ों को अलग धुलाई करनी चाहिए अगर हम सब कपड़ों को एक साथ धुलाई करेंगे तो उसके कीटाणु सब कपड़ों में पहुँच जाएँगे जिसके बाद यह बीमारी परिवार के दूसरे सदस्यों को भी हो जाती है इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों के कपड़ों को पहले गरम पानी में डालना चाहिए उसके बाद अलग से धुलाई करे तब जाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है और नारियल के तेल की मालिश कर रोज़ नहाने की कोशिश करनी चाहिए।DR R. R. सिंह का कहना है कि दूसरी सबसे बड़ी वजह ये बीमारी होने पर गली मोहल्लों में मौजूद डाक्टर जिनको इस बीमारी की जानकारी न होने के कारण वह इसको और जटिल बना देते है सही दवाई नही मिलती अगर समय रहते उचित इलाज हो और सही दवा मिले तो मरीज़ बहुत जल्द सही हो जाता है लेकिन सही इलाज न मिलने पर बीमारी बढ़ जाती है और मरीज़ की दवा खाने की क्षमता भी बढ़ जाती है क्षमता बढ़ने का कारण मरीज़ ठीक नही होने पर गली मोहल्ले के DR एक्सपेरिमेंट्स (शोध)करते रहते है उसके बाद भी जब ठीक नही होते है फिर हमारे पास आते है तब हमारे लिए भी उनका इलाज मुश्किल हो जाता है क्योंकि वो इतनी हाई दवाई खा चुके होते है कि हमें ये तय करने में दिक़्क़त होती है कि इनका इलाज कहाँ से शुरू करें। DR. R.R सिंह का कहना है कि गली मोहल्लों में मौजूद डाक्टरों को हम समय-समय पर जानकारियाँ देने का प्रयास भी करते है लेकिन फिर भी वह उस पर अमल नही करते है जिस कारण हमें बड़ी दूसवारियों का सामना करना पड़ता है।इस संबंध में सरकार क्या क़दम उठा रही है इसको लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से बात करने की कोशिश की गई लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते उनसे बात नही हो सकी सरकार के ज़्यादातर मंत्री चुनाव में व्यस्त चल रहे है जिसकी वजह से सरकारी कामकाज पर भी असर पड़ रहा है ख़ैर सरकार के और जनता के लिए तो बाद में सोच लेंगे पहले चुनावी गणित को अपने पक्ष में कर ले और उसी में लगे है।इसके बाद प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होने मीटिंग में होने की बात कहकर बाद में बात करने की बात की।कुल मिलाकर इस बीमारी के लिए सरकार की ओर से कोई ख़ास उपाय नही किये जा रहे और प्रदेश की जनता परेशान है।