ईवीएम का निरीक्षण करना चाहती हैं विपक्षी पार्टियां
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भेजा नोटिस
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 21 विपक्षी पार्टियों की याचिका पर निर्वाचन आयोग को नोटिस भेजा है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने चुनाव आयोग से एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त करने को कहा है जो कोर्ट को इस मामले में सहायता कर सके। मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को की जाएगी। भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली एक पीठ ने विपक्षी नेताओं की अपील पर सुनवाई 25 मार्च को नियत की और निर्वाचन आयोग से अदालत की सहायता करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करने को कहा। पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी हैं।
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियों ने अपनी याचिका में मांग की थी कि आगामी लोकसभा चुनाव में नतीजों की घोषणा करने से चुनाव आयोग ईवीएम और वीवीपैट को क्रॉसचेक कर ले।
याचिकाकर्ता नेताओं का कहना है कि ईवीएम और वीवीपीएटी की विश्वसनीयता पर पहले ही सवाल है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए और इसके लिए पुख्ता इंतजाम होना चाहिए। लोकसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा होने से पहले प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम के वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की 50 फीसदी पर्चियों की गिनती करने की मांग कई विपक्षी नेताओं ने की है।
याचिका दायर करने वालों में शरद पवार, केसी वेणुगोपाल, डेरेक ओब्ररान, शरद यादव, अखिलेश यादव, सतीश चंद्र मिश्रा, एमकेस्टालिन, टीके रंगराजन, मनोज कुमार झा, फारुख अब्दुल्ला, एए रेड्डी, कुमार दानिश अली, अजीत सिंह, मोहम्मद बदरूद्दीन अजमल, जीतन राम मांझी, प्रो. अशोक कुमार मिश्र आदि शामिल हैं।