लखनऊ: आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के ज़ेरे एहतमाम जश्ने ख्वाजा गरीब नवाज़ का एहतमाम कैम्पबेल रोड, यासीनगंज, बालागंज में हुआ। जलसे की अध्यक्षता मिशन के अध्यक्ष सैयद अयूब अशरफ किछौछवी ने की। जश्न के खुसुसी मेहमान मिषन उपाध्यक्ष इकबाल हाश्मी , डाॅ. एहसानउल्ला, सैयद याकूब अशरफ किछौछवी थेे। जलसे को खिताब करते हुए खतीबे अहले बैत सैयद तलहा अशरफ किछौछवी ने कहा कि आज ज़रूरत है हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज़ के बताए रास्ते पर चलने की। उन्होंने एक वाक्ये का ज़िक्र करते हुए कहा कि ख्वाज गरीब नवाज़ ने एक गरीब किसान के लिए खुद अजमेर से दिल्ली के बादशाह अल्तमश के पास लगान कम करने के लिए गए। बादशाह ने कहा कि हज़रत यह बात आप एक खत के ज़रिए भी कर सकते थे। मैं तब भी लगान कम कर देता। गरीब नवाज़ ने फरमाया मुझे मालूम है कि तुम कर देते, मगर मेरे आने से इस गरीब के काम के साथ-साथ उसका दिल भी खुश हुआ। उन्होंने कहा कि क्या बात आज पूरी दुनिया में करोड़ों की तायदाद में मस्जिद मदरसे है पर फिर भी हम कुछ नहीं कर पा रहे है। वजह यह है कि तायदाद में इतने होने के बावजूद हम अपने रसूल के बताए रास्ते से पर नहीं चल रहे है हम उनकी बातों को उलेमा से सुनते है मगर अमल नहीं करते। सैयद जुनैद अश रफ किछौछवी ने कहा कि आप पूरी दुनिया दहश तगर्दी से जूझ रही है। जिसका हल आज से 1400 साल पहले ही नबी सल्लललाओ अलैहि वसल्लम ने दे दिया है। जिन दहश तगर्दों ने अपनी दहश तगर्दी से पूरे अरब को हिलाकर रख दिया था, नबी ने एख्लाक व किरदार का वह पैकर बने जिसकी दुनिया में कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। नबी ने उन सभी को माफ किया और वह इस्लाम की तालीमात से मालामाल हुए। मिशन यूथ के अध्यक्ष सै. अहमद मियाॅ ने बताया कि 26 मार्च को मदरसा अश रफिया बरकाते रज़ा के दस्ताबंदी के मौके पर जश्ने मौलाए कायनात मुनक्किद किया जायेगा जिसमे मुल्क की अज़ीम शख्सियतें शामिल होगी। अज़मेर शरीफ में मिशन की तरफ चादर चढ़ाने के लिए मो. अहमद मियाॅ, यूथ मिशन के उपाध्यक्ष सरफराज खान रवाना हो गए। हुसैनी बोर्ड के सैयद अरशद अशरफ, डाॅ. शाहनावज खान, नुडवा के सेक्रेटी सै. शहाब अशरफ, सैयद शाह अली हुसैन अशरफ, मुफ्ती ज़ाकिर हुसैन, मौलाना मुनव्वर हुसैन, कारी एैनुल हक, कारी मुईनुद्दीन, कारी अनवर, कारी शरफुद्दीन, कारी मसूद, कारी आरिफ रज़ा, मौलाना अनवार चिश्ती, कारी पीर मोहम्मद, जलालुद्दीन अशरफी व कसीर तायदाद में लोग मौजूद थे।