मोदी जी सिर्फ अपने मन की बात करते हैं किसी के मन की बात सुनते नहीं
मोदी के जबरा फैन और हमशक्ल अभिनंदन अब बन गए हैं मोदी विरोधी
नई दिल्ली: 2014 में नरेंद्र मोदी का जमकर प्रचार करने वाले उनके हमशक्ल अभिनंदन पाठक अब उनके विरोधी हो गए हैं। पाठक का कहना है कि पीएम मोदी ने जो वादे किए वो पूरे नहीं किए। वे सिर्फ अपने मन की बात करते हैं, किसी के मन की बात सुनते नहीं है।
अभिनन्दन कहते हैं साढ़े चार वर्षों में जो वादे किए गए अच्छे दिन के वो पूरे नहीं हो पाए। युवाओं को रोजगार नहीं मिला। 15 लाख खाते में नहीं आए, काला धन वापस नहीं आया, बातें ही बातें हुई हैं। मन की बात कहने वाले मन की बात नहीं सुनते, मैंने ये अहसास किया। इस बात को लेकर रोष है। सैकड़ों पत्र मैंने लिखे, पर कोई सुनवाई नहीं। रोष का हकदार इसलिए भी हूं कि 90 दिन 2014 में भूखे रहकर प्रचार प्रसार किया था वाराणसी में। बड़ोदरा में भी प्रचार किया था। एक भक्त के रूप में जो इतनी श्रद्धा रखता है इसकी बात न सुनी जाए तो रोष रखना स्वभाविक है।
अभी जो छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हुए हैं उसमें मेरी विशेष भूमिका रही है। यही मेरा स्पष्ट संकेत है। बता दें कि 2018 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अभिनंदन पाठक ने कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार किया था। इस दौरान राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात करते हुए फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी।
अभिनन्दन बताते हैं 2014 में मोदी जी ने वाराणसी में 8 मई को मुझे अपने चरणों से उठाकर गले लगाया था। उनकी माता जी ने मुझे आशीर्वाद दिया। 10 रुपये का नोट भी दिया। मन की बात कहने वालों को मन की बात सुननी भी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि मैं मन की बात कहूंगा ही नहीं, सुनूंगा भी।
अभिनन्दन के मुताबिक़ भारत की जनता को जो उन्होंने वादे किए हैं और पीएम पद की जो गरिमा है उसका ध्यान रखते हुए वो जुमलों को कम छोड़ें। जमीना स्तर पर करने का काम करें। आपके चौकीदारी में देश का खजाना बाहर जाता है तो ये प्रश्न लगाता है आप पर।
मालूम हो अभिनंदन पाठक पीएम नरेंद्र मोदी के हमशक्ल हैं। वे 2014 में पीएम मोदी के लिए प्रचार कर चुके हैं। पाठक खुद कहते हैं कि वाराणसी में वे 90 दिनों तक रहे। पाठक फिलहाल लखनऊ में रहते हैं और राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेते रहते हैं। उनकी मुलाकात यूपी के कांग्रेस अक्ष्यक्ष राज बब्बर से भी हो चुकी है। पाठक कह चुके हैं कि लोग उनके पास आते थे पूछते थे कि अच्छे दिन कब आएंगे। मुझे इसके लिए लोग मार भी चुके हैं, कपड़े भी फाड़ चुके हैं।