राफेल घोटाले में पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई करने के पर्याप्त सबूत : राहुल गांधी
नई दिल्ली : राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राफेल घोटाले में प्रधानमंत्री पर मुकदमा चलाने के लिए अब पर्याप्त सबूत हैं। कांग्रेस अध्यक्ष की इस मांग का तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने समर्थन किया है। राहुल ने आरोप लगाते हुए कहा कि राफेल मामले में भ्रष्टाचार प्रधानमंत्री से शुरू होकर उन्हीं पर खत्म होता है।
राहुल ने आगे कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट को बता रही है कि डील से जुड़ी फाइलें 'चोरी' हो गईं। यह कुछ और नहीं बल्कि सबूतों को नष्ट करना और उनका बचाव करना है। बता दें कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को बताया कि रक्षा मंत्रालय से राफेल डील से जुड़े दस्तावेज 'चोरी' हो गए हैं जिसकी जांच की जा रही है। अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि यदि इस डील की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया जाता है तो देश को बड़ा नुकसान हो जाएगा।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ से अटार्नी जनरल ने कहा कि राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक करने वाले सरकारी गोपनीयता कानून के तहत और न्यायालय की अवमानना के दोषी हैं। लड़ाकू विमानों के सौदे के बारे में एक नया लेख समाचार पत्र में प्रकाशित होने के दिन अटार्नी जनरल ने कहा कि इस चोरी की जांच की जा रही है।
यह पीठ राफेल सौदे की खरीद को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज करने के शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। संयुक्त रूप से दायर की गई पुनर्विचार याचिका में आरोप लगाया गया है कि केन्द्र ने जनहित याचिकाओं को खारिज करने का फैसला सुनाने वाली शीर्ष अदालत से महत्वपूर्ण तथ्य छुपाए।
प्रशांत भूषण ने जब ‘द हिन्दू’ में वरिष्ठ पत्रकार एन राम के प्रकाशित लेख का जिक्र किया तो वेणुगोपाल ने कहा कि लेख चोरी की सामग्री पर आधारित है। अटार्नी जनरल ने कहा कि राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेजों की चोरी के मामले में अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गई है। उन्होंने कहा कि एन राम का आठ फरवरी को प्रकाशित लेख और अब बुधवार के संस्करण में प्रकाशित एक अन्य लेख का मकसद न्यायिक कार्यवाही को प्रभावित करना है और यह न्यायालय की अवमानना जैसा है।
अटार्नी जनरल ने कहा कि समाचार पत्र ने दस्तावेज के शीर्ष पर लिखा ‘गोपनीय’ शब्द हटाकर इन्हें प्रकाशित किया है। उन्होंने पुनर्विचार याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये हिन्दू अखबार के लेखों के आधार पर भूषण द्वारा बहस करने पर आपत्ति उठाई। पीठ ने केन्द्र से जानना चाहा कि उसने इस मामले में क्या कार्रवाई की है जब उसका आरोप है कि ये खबरें चोरी की सामग्री पर आधारित हैं।
सिन्हा, शौरी और स्वयं अपनी ओर से बहस शुरू करते हुये भूषण ने कहा कि यदि इन महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाया नहीं गया होता तो न्यायालय ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच कराने के लिये दायर याचिकायें खारिज नहीं की होती। वेणुगोपाल ने कहा कि भूषण जिन दस्तावेजों को अपना आधार बना रहे हैं, उन्हें रक्षा मंत्रालय से चोरी किया गया है और इस मामले में जांच जारी है।
इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि भूषण को सुनने का मतलब यह नहीं है कि शीर्ष अदालत राफेल सौदे के दस्तावेजों को रिकार्ड पर ले रही है। उन्होंने वेणुगोपाल से जानना चाहा कि इस सौदे से संबंधित दस्तावेज चोरी होने के बाद सरकार ने क्या कार्रवाई की। अटार्नी जनरल ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं ने जिन दस्तावेजों को अपना आधार बनाया है, उन पर गोपनीय लिखा था और इसलिए यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है।
वेणुगोपाल ने न्यायालय से यह भी कहा कि राफेल मामला रक्षा खरीद से संबंधित है जिसकी न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती है। पिछले सप्ताह पाकिस्तान के साथ वायु क्षेत्र में हुयी झड़प का जिक्र करते हुये अटार्नी जनरल ने कहा कि एफ-16 लड़ाकू विमानों के हमले से देश की रक्षा के राफेल विमानों की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘राफेल विमानों के बगैर हम उनका प्रतिवाद कैसे कर सकते हैं।’उन्होंने कहा कि पूरी तरह उड़ान के लिये तैयार अवस्था में राफेल लड़ाकू विमानों के दो स्क्वाड्रन भारत आ रहे हैं। पहला इस साल सितंबर तक भारत पहुंच जाएगा।