असम में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या डेढ़ सौ के पार, कइयों और गंभीर
नई दिल्ली: असम में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 157 हो गई है. पुलिस के अनुसार मरने वालों में 85 लोग गोलाघाट और 50 से ज्यादा लोग जोरहाट के रहने वाले थे. इस घटना के सामने आने के बाद प्रशासन ने संबंधित इलाकों में अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. अभी तक पुलिस ने 100 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि 22 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. पुलिस ने कई हजार लीटर शराब जब्त भी की है. राज्य सरकार ने इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों को दो लाख रुपये का मुआवजा जबकि बीमार लोगों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है.
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बता दें कि बीते गुरुवार की रात गोलाघाट एवं जोरहाट के दो चाय बगानों के श्रमिक जहरीली शराब पीने से बीमार हो गए थे. इनमें से 12 की मौत उसी रात हो गई थी. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री हेमंत सर्मा ने जेएमसीएच में भर्ती लोगों की स्थिति की शनिवार को समीक्षा की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अपर असम मंडलायुक्त जूली सोनोवाल को इस घटना की जांच करने और एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. असम के पुलिस महानिदेशक कुलधर सैकिया ने बताया कि गोलाघाट में 12 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. देश में एक पखवाड़े के भीतर जहरीली शराब से हुई यह दूसरी बड़ी घटना है. इस महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 70 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई थी.
गौरतलब है कि इस घटना को लेकर खुमतई से भाजपा विधायक मृणाल सैकिया ने बताया था कि 100 से अधिक लोगों ने शराब पी थी और इसके एक ही विक्रेता से खरीदे जाने का संदेह है. बीमार पड़े लोगों का इलाज कर रहे एक चिकित्सक ने बताया था कि देशी जहरीली शराब पीने की वजह से ये मौतें हुईं और अस्पताल लाए गए ज्यादातर लोगों की हालत गंभीर है. सैकिया ने बताया था कि उन्होंने जिला प्रशासन से मामले की जांच करने और फौरन कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. वहीं, कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी ने आबकारी मंत्री परिमल शुक्लवैद्य के इस्तीफे की मांग की है और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का अनुरोध किया है.