कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं से मांगे चुनावी नारों पर सुझाव
नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए अपने 15 लाख पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो ऐसे नारों का सुझाव दें जिन्हें चुनाव में मोदी के खिलाफ इस्तेमाल किया जाए। नाम ना छापने की शर्त पर एक कांग्रेसी नेता ने बताया कि यह प्रक्रिया बकायदा 20 फरवरी से अमल में आ चुकी है। कांग्रेस का यह अभ्यास अपने “जमीनी कार्यकर्ताओं” को बनाए रखने का नया तरीका भी है।
बता दें कि नारे चुनाव अभियानों का एक अभिन्न हिस्सा हैं क्योंकि ये पार्टियों के लिए एक प्रमुख मुद्दा देते हैं। साल 1971 में कांग्रेस के ‘गरीबो हटाओ’ से लेकर साल 2014 में भाजपा के ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ तक अलग-अलग दलों ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अभिनव और आकर्षक लाइनों का इस्तेमाल किया है।
इस बार कांग्रेस ने अपने जमीनी कार्यकर्ताओं से अपने पसंदीदा नारों का सुझाव देने को कहा है। पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि 393 लोकसभा चुनाव क्षेत्र से 15 लाख कार्यकर्ताओं का चुनाव किया गया। फीडबैक लेने के लिए 2,46 बूथ का भी चुनाव किया गया। इसके अलावा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की अगुवाई में कांग्रेस की प्रचार समिति ने करीब एक दर्जन विज्ञापन एजेंसियों से मुलाकात की।
कांग्रेस का डेटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने व्यापक प्रतिक्रियाओं को शॉर्टलिस्ट करने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित सॉफ्टवेयर भी बनाया है। प्रवीण चक्रवर्ती कहते हैं, ‘परिणाम बहुत दिलचस्प हैं। प्रमुख तीन मुद्दे अर्थव्यवस्थआ, नौकरी और किसानों से जुड़े हैं। रिजल्ट जमीनी हकीकत और लोगों के सामने आने वाली समस्याओं को भी दर्शाते हैं।’
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिले 6,800 नारों को शॉर्टलिस्ट भी किया गया है। कांग्रेस पदाधिकारियों के मुताबिक इनमें 10 से 12 स्लोगन 2019 के चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी के नारे को अंतिम रूप देने के लिए प्रचार पैनल की मीटिंग में चर्चा की जाएगी।
कार्यकर्ताओं की तरफ से जो नारे प्रस्तावित किए गए वो ‘आप के साथ’ और ‘युग की आवाज’ जैसे नारों से शुरू होते हैं। कुछ नारे ‘न्यू विजन’ और ‘नया युग’ से भी शुरू होते हैं।