सऊदी शहज़ादे ने कहा- आतंकवाद हमारी कॉमन चिंताएं हैं
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने बुधवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भारत और सऊदी अरब के बीच पांच समझौते हुए। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि सऊदी के प्रिंस का स्वागत करके खुश हूं। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंध हैं। दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए। निवेश और व्यापार क्षेत्र में नया विस्तार हुआ है। दोनों देशों ने आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाया। दोनों देश रणनीतिक काउंसिल बनाएंगे। दोनों देशों में ऊर्जा को लेकर नए करार हुए। रक्षा सहयोग पर चर्चा सफल रही।
पीएम मोदी ने कहा, भारत और सऊदी अरब के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं। और यह सदैव सौहार्द्रपूर्ण और मैत्रीपूर्ण रहे हैं। हमारे लोगों के बीच के घनिष्ठ और निकट संपर्क हमारे देशों के लिए एक सजीव सेतु यानी living bridge है। पीएम ने कहा, आज हमने द्विपक्षीय संबंधों के सभी विषयों पर व्यापक और सार्थक चर्चा की है। हमने अपने आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का निश्चय किया है।
पीएम मोदी ने कहा, पुलवामा में हुआ बर्बर हमला दुनिया पर छाई खतरे की निशानी है। हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों पर संभव दबाव बनाने की आवश्यकता है। पीएम ने कहा, आतंकवाद का इंफ्रास्ट्रक्चर नष्ट करना और इसको समर्थन समाप्त करना और आतंकवादियों और उनके समर्थकों को सजा दिलाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, हम इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि counter terrorism, समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में और मजबूत द्विपक्षीय सहयोग दोनों देशों के लिए लाभप्रद रहेंगे।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने कहा कि अतिवाद और आतंकवाद हमारी कॉमन चिंताएं हैं। हम अपने मित्र भारत को बताना चाहते हैं कि हम सभी मोर्चों पर सहयोग करेंगे, इसमें खुफिया जानकारी साझा करना है। हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए हर किसी के साथ काम करेंगे।
पीएम ने कहा, आज हमने द्विपक्षीय संबंधों के सभी विषयों पर व्यापक और सार्थक चर्चा की है। हमने अपने आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का निश्चय किया है। पीएम ने कहा, साथ ही अतिवाद के खिलाफ सहयोग और इसके लिए एक मज़बूत कार्ययोजना की भी जरूरत है, ताकि हिंसा और आतंक की ताकतें हमारे युवाओं को गुमराह न कर सकें। मुझे खुशी है कि सऊदी अरब और भारत इस बारे में साझा विचार रखते हैं।