महबूबा मुफ़्ती ने जंग की बात करने वालों को गंवार बताया
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक मौका दिया जाना चाहिए, ताकि उन्हें अपनी बात को साबित करने के लिए समय मिल सके। पाक पीएम ने बीते 19 फरवरी को अपने एक बयान में कहा था कि वो पुलवामा हमले की जांच के लिए भारत के साथ सहयोग करने को तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने हमले से जुड़े सबूत भी भारत से मांगे थे, ताकि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ पाकिस्तान सरकार कार्रवाई कर सके। हालांकि, भारत ने पाक सरकार की इस मांग को सिरे से खारिज करते हुए उसे अपने गिरेबां में झांकने की सलाह दी है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "यह सही है कि पठानकोट और मुंबई हमले के सबूत पाकिस्तान को सौंपे गए थे, लेकिन उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। हालांकि, इमरान खान नए प्रधानमंत्री हैं और वह नई शुरुआत की बात कह रहे हैं, तो ऐसे में उन्होंने एक मौका देना चाहिए। हमें पुलवामा हमले से संबंधित सबूत पाकिस्तान को देना चाहिए और फिर देखते हैं वे इसपर क्या कार्रवाई करते हैं।"
महबूबा मुफ्ती ने उनलोगों की भी आलोचना की जो पुलवामा हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच युद्ध की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ''ऐसे समय में सिर्फ अशिक्षित लोग ही जंग ही बात कर सकते हैं। दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं और जब दोनों मुल्कों के पास बातचीत का विकल्प है, तो मुझे नहीं लगता कि जंग का सवाल उठना चाहिए।"
इससे पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा था कि पाकिस्तान को पुलवामा हमले के लिए सबूतों के आधार पर ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि उनकी कथनी और करनी एक होनी चाहिए। बहरहाल, महबूबा ने कहा कि खान को एक अवसर मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान की कमान संभाली है।