बयान पर सिद्धू क़ायम, बोले-कहाँ गया अब 56 इंच का सीना
नई दिल्ली: लुधियाना में नगर निगम के कार्यक्रम में शनिवार को शामिल हुए सिद्धू ने पुलवामा आतंकी हमले पर अपने विवादित बयान पर सफाई पेश की है. सिद्धू ने कहा कि चार आतंकवादियों की वजह से देश के विकास में बाधा नहीं आनी चाहिए. ये हमला बेहद दुखद है. गुनाहगारों को सजा देना बेहद जरूरी है, क्योंकि आतंक का कोई मजबह नहीं होता है.
इसके साथ ही सिद्धू ने कहा, 'मैं अपने द्वारा दिए गए बयानों पर पूरी तरह से कायम हूं. आतंकवादियों ने पीछे से वार किया है और उन्हें इसका सख्त जवाब मिलना चाहिए. मेरी बात को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है. पूरे बयान को नहीं पेश किया गया है. मैं आतंकवाद के खिलाफ हट कर खड़ा हूं.' उन्होंने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब 56 इंच का सीना कहां गया?
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जब मंत्रियों के गुजरने पर सुरक्षा के कड़े इंतेजाम किए जाते हैं तो फिर फौजियों के इतने बड़े काफिले की सुरक्षा का ध्यान क्यों नहीं रखा गया. काफिले के गुजरने से पहले ट्रैकर क्यों नहीं चलाया गया. इस तरह की आंतकी घटनाओं का हमें स्थाई समाधान खोजना चाहिए. हमारे देश में ऐसी घटनाएं पिछले 71 साल से हो रही हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू ने लुधियाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्होंने जो बयान दिया था कि आतंकवाद का कोई मजहब या देश नहीं होता उसे गलत तरीके से पेश किया गया. उनके बयान की सिर्फ एक ही लाइन दिखाई जा रही है. जबकि अगर उनका पूरा स्टेटमेंट सुना जाए, तो उन्होंने कहा कुछ और था जिसका मतलब गलत तरीके से दिखाया जा रहा है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि 4 आतंकियों की हरकत से दोनों देशों के बीच बातचीत और करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का जो प्रयास शुरू हुआ है, वो बंद नहीं किया जाना चाहिए. सिद्धू ने कहा कि जो लोग उनके खिलाफ बोल रहे हैं वो भी खुद पाकिस्तान में उनके साथ ही करतारपुर कॉरिडोर खुलने के कार्यक्रम के दौरान बैठे थे. नवजोत सिंह सिद्धू का इशारा केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ था. उन्होंने कहा कि मैं तो पाकिस्तान से कई न्यौते आने के बाद ही पाकिस्तान गया था. लेकिन हमारे प्रधानमंत्री तो बिना किसी न्यौते के ही पाकिस्तान पहुंच गए थे.
जनरल बाजवा से गले लगने के सवाल पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मैं उसे लेकर कई बार सफाई दे चुका हूं. सिद्धू ने कहा कि जवानों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार को और भी ठोस कदम उठाने होंगे और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए काम करना होगा. हमेशा कहा है कि ये आतंकी हमला एक कायरतापूर्ण हमला था और इस हमले की साजिश रचने वालों को जड़ से खत्म किया जाना चाहिए.
बता दें कि सिद्धू के जिस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है उसमें उन्होंने कहा था, 'आप इस हमले का दोष पूरे देश पर नहीं मढ़ सकते हैं. पूरे देश या किसी एक को इसका दोष देना ठीक नहीं है.' लोगों ने सिद्धू के इस बयान को पाकिस्तान की तरफदारी के तौर पर ले लिया और सोशल मीडिया पर बवाल मच गया.