प्रियंका के लिए बहुत कठिन है डगर पनघट की
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी
राज्य मुख्यालय लखनऊ। रात-रात भर जाग कर सत्ता की दहलीज़ पर राहुल गांधी ले जाने के लिए काम कर रही बहन प्रियंका गांधी क्या अपने मनसूबे में कामयाब होगी यह कहना तो मुश्किल है लेकिन इतना ज़रूर कहा जा सकता है कि प्रियंका गांधी को इस पथरिले मार्ग पर चलकर ज़रूर बहुत कुछ समझ आ जाएगा| बेदम हो चुके संगठनों में कैसे जान डाली जाती है यूपी में कांग्रेस उसी बेदम संगठन की तरह है जिसमें सोच है परन्तु खड़े होने की हिम्मत नही है ऐसे राज्य में कांग्रेस ने अपने सबसे बड़े तुरूप के पत्ते को लगाया है प्रियंका गांधी कांग्रेस के पास बहुत बड़ा कार्ड था उसका भी इस्तेमाल हो गया अब कांग्रेस के लिए करो या मरो की स्थिति आ गई है| कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के सामने इतनी बड़ी चुनौती दी है कि फ़र्श से उसे अर्श पर ले जाना है इस लोकसभा के चुनाव में किसी सूरत से संभव नही लगता है क्योंकि उसके पास कोई भी बैंकवोट नही है जिसके सहारे वह चुनाव में कुछ कर सके सबसे आसान उसके लिए मुसलमान है जिसे वह ला सकती थी लेकिन वह भी इस चुनाव में उसके साथ आने की स्थिति में नही है बसपा-सपा का गठबंधन हो जाने के बाद गठबंधन की स्थिति यूपी में बहुत मज़बूत है और उसके सामने मोदी को हराने का लक्ष्य है जो गठबंधन के साथ जाने में बड़ी आसानी से सध सकता है बल्कि दलित-मुसलमान मिलकर मोदी की हार सुनिश्चित कर देंगे आँकड़े यही बताते है हाँ कुछ बँधवा मज़दूर मुसलमान यह ज़रूर कहते दिखाई देंगे कि मुसलमान कांग्रेस के साथ जा रहा जो सरासर ग़लत होगा अगर कांग्रेस के साथ मुसलमान जाए तो क्या सिर्फ़ मुसलमान के जाने से कांग्रेस जीत जाएगी हिन्दू वोट उसके पास न के बराबर है जिससे जीता नही जा सकता है गठबंधन के साथ दलित वोट है इस लिए गठबंधन ही मोदी की भाजपा को यूपी में हरा सकता है गठबंधन में अगर कांग्रेस भी शामिल हो तो ठीक वरना गठबंधन के साथ ही मुसलमान जाएगा ऐसा ही लगता है हालाँकि कांग्रेस और उसका आलाकमान यह भलिभाति जानता व समझता है कि दो महीने में सबकुछ नही हो सकता है।प्रियंका गांधी इसके बाद भी वेंटिलेटर पर मौजूद अपनी सांसे गिन रही पार्टी को उठखडा करने के लिए रात-रात भर जाग रही है और कांग्रेस में नई जान फूँकने की कोशिश कर रही है।प्रियंका गांधी ने बीती रात अपने जॉन के नेताओं और कार्यकर्ताओं से लगातार 16 घंटे बातचीत की सुबह 5:30 बजे बैठकों का दौर खतम हुआ इस दौरान उन्होने कार्यकर्ताओं से कहा कि मोदी की भाजपा का मुक़ाबला मुझसे नही है उनका मुक़ाबला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से है राहुल ही नरेन्द्र मोदी को सीधी टक्कर देंगे।प्रियंका गांधी हाल ही में सक्रिय राजनीति में आई है जिसके आने के बाद यह संदेश देने की कोशिश हो रही है अब कांग्रेस यूपी में दौड़ती नज़र आने लगेगी जबकि यह सच्चाई नही है अभी तो कांग्रेस को यूपी में बहुत कुछ करना पड़ेगा तब कोई उम्मीद की जा सकती है लेकिन जिस पथरिले मार्ग पर चलने की कोई हिम्मत भी नही कर पा रहा था प्रियंका के आने से यह कहा जा सकता है कि वो उसको चलने व दौड़ने के लायक बना लेगी इसमें कोई सक नही किया जा सकता है क्योंकि जिस तरह वह रातभर चली बैठकों में कार्यकर्ताओं में उर्जा भर रही है उससे लगता है 2022 में कांग्रेस के लिए यह बात कहना मुश्किल हो जाएगा जबतक यह वर्क अपना असर दिखाना शुरू कर देगा कि अब कांग्रेस को कमज़ोर कहना ठीक नही होगा हाँ अब उनसे कोई बहुत ज़्यादा उम्मीदें पालना ठीक नही होगा।प्रियंका गांधी ने कार्यकर्ताओं से यह बात जानने की कोशिश की कि यह चुनाव कैसे जीता जाए और कांग्रेस को कैसे मज़बूत किया जाए।सोमवार को रोड शो के बाद श्रीमती वाढरा जयपुर चली गई थी मंगलवार की दोपहर फिर लखनऊ आने पर लग गई थी मैराथन बैठकों में आठ लोकसभाओ के लोगों से मुलाक़ातें चलती रही इनमें अमेठी और रायबरेली की सीटें भी शामिल थी।फ़र्श से अर्श पर ले जाना बहुत बड़ा काम होता है इसके लिए कड़ी मेहनत की ज़रूरत है जो लगता है प्रियंका गांधी करने को तैयार हो गई है उसका परिणाम शायद लोकसभा के चुनाव में उतना स्वादिष्ट न रहे जितना उनके मानने वाले मान रहे है हाँ 2022 के विधानसभा चुनावों में प्रियंका गांधी की मेहनत का रंग दिखाई देने लगेगा इसे इंकार नही किया जा सकता है।