रफाएल डील का मकसद वायुसेना को मजबूत करना था या एक उद्योगपति को, शिवसेना का सवाल
मुंबई: शुक्रवार को 'द हिंदू' अखबार में छपी एक रिपोर्ट के बाद शिवसेना की यह टिप्पणी आई है। उस खबर में यह दावा किया गया है कि रक्षा मंत्रालय ने भारत और फ्रांस के बीच 59,000 करोड़ रुपये के राफेल सौदे को लेकर बातचीत के दौरान पीएमओ द्वारा की गई 'समानांतर चर्चा' पर कड़ी आपत्ति जताई थी।शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा कि मोदी ने गुरुवार को संसद में 'देशभक्ति' पर भाषण दिया और इस सौदे का बचाव किया था। लेकिन अगले ही दिन, 'काला चिट्ठा' (दस्तावेज) सामने आ गया , जिसने देशभक्ति के नारे लगाने और सदन में ताली बजाने वाले लोगों को चुप करा दिया।'
किसी का नाम लिए बगैर, शिवसेना ने कहा कि मोदी से इस बारे में जवाब की उम्मीद की जाती है कि यह सौदा वायुसेना को मजबूत करने के लिए किया गया या आर्थिक रूप से परेशानहाल एक उद्योगपति के लिए किया गया है।
राफेल मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा की जा रही सरकार की लगातार आलोचना का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली इस पार्टी ने यह भी पूछा कि इसके लिए विपक्ष को क्यों दोषी ठहराया जाना चाहिए।उसमें कहा गया, 'विरोधी नष्ट (राजनीतिक रूप से) हो सकते हैं, लेकिन सच्चाई जीवित रहेगी।'
शिवसेना ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने बार-बार आरोप लगाया (संसद में) कि कांग्रेस रक्षा सेवाओं को मजबूत नहीं करना चाहती और अगले ही दिन सामने आयी इस खबर से यह पता चलता है कि इस सौदे में मोदी की व्यक्तिगत रुचि कितनी अधिक थी। इसका क्या मतलब निकाला जाए?'
पार्टी ने कहा, 'मोदी राफेल सौदे से सीधे तौर पर जुड़े थे। रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव जैसे प्रमुख लोगों को इससे दूर रखा गया। मोदी ने खुद ही राफेल (विमानों) की कीमतों और इसका अनुबंध किसे देना है, जैसे मुद्दों पर निर्णय लिया। इसलिए, उन्हें ही आरोपों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा।' उसने कहा 'राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगना देश की आलोचना कैसे हो जाती है।'
गौरतलब है कि मोदी ने गुरुवार को संसद में कहा था कि विपक्ष इस मुद्दे पर उनकी और भाजपा की आलोचना कर सकता है, लेकिन देश की नहीं।शिवसेना ने शनिवार को यह आरोप भी लगाया कि मौजूदा भाजपा नीत सरकार के शासनकाल में 'राष्ट्रवाद' और 'देशभक्ति' की परिभाषाएं बदल दी गई हैं।उसने दावा किया ,'जो राफेल सौदे का गुणगान कर रहे हैं वे देशभक्त माने जा रहे हैं और जो इसकी कीमत के बारे में सवाल उठा रहे हैं उन्हें देशद्रोही करार दिया जा रहा है।'
शिवसेना ने कहा कि देश की जनता लगातार ये सवाल उठाती रहेगी कि जिस विमान की कीमत 500 करोड़ रूपये थी उसे 1600 करोड़ रूपये में क्यों खरीदा गया । उसने यह भी कहा कि मोदी ने इस देश पर पिछले साढ़े चार साल में अकेले ही शासन किया है,'फिर भी कीमतें बढ़ने और भ्रष्टाचार जैसे मामलों में कांग्रेस पर आरोप लगाकर वह अपनी सरकार की असफलताओं को ढंकने की कोशिश कर रहे हैं।'