‘न दूल्हा है, न दुल्हन है लेकिन बैंड वाला आ गया’
मोदी के कलकत्ता उच्च न्यायालय की सर्किट बेंच का उद्घाटन करने पर ममता का कटाक्ष
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की ‘सर्किट बेंच’ का उद्घाटन किया। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर आपत्ति जताते हुए दावा किया कि उनकी सरकार और उच्च न्यायालय को इस संबंध में अंधेरे में रखा गया।
ममता ने मोदी पर सर्किट बेंच के उद्घाटन को ‘हाईजैक’ करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘जमीन हमारी है, सर्किट बेंच उच्च न्यायालय की है। न तो दूल्हा है, न दुल्हन है लेकिन बैंड वाला आ गया है।’’
जलपाईगुड़ी जिले के चूडाभंडार में एक मंच से ‘सर्किट बेंच’ की पट्टिका का उद्घाटन करने के लिए बटन दबाते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सर्किट बेंच के उद्घाटन के साथ उत्तरी बंगाल की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई क्योंकि अब उन्हें मुकदमे के लिए कोलकाता नहीं जाना पड़ेगा।’’ दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को शीघ्र न्याय की व्यवस्था करने के लिए सर्किट बेंच की स्थापना की जाती है।
मोदी ने कहा कि केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा 13-14 साल पहले मंजूरी के बावजूद, ‘‘राज्य की असंवेदनशील सरकार अब तक सर्किट बेंच की शुरुआत नहीं कर पाई।’’
इस आरोप से इंकार करते हुए ममता ने दावा किया कि उन्होंने तथा कलकत्ता उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने चार महीने पहले सर्किट बेंच के उद्घाटन की योजना बनाई थी लेकिन केन्द्र ने कोई अधिसूचना जारी नहीं की।
उन्होंने कहा, ‘‘सर्किट बेंच के लिए कोष और नई इमारत के लिए जमीन किसने दी? हमने (पश्चिम बंगाल सरकार) 300 करोड़ रुपये खर्च किये, हमने ही जमीन दी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘क्या उच्च न्यायालय से कोई उपस्थित था? न तो राज्य सरकार को ना ही उच्च न्यायालय को जानकारी दी गई… मोदी बाबू ने उच्च न्यायालय या राज्य सरकार को जानकारी नहीं दी। उन्होंने इसका उद्घाटन सिर्फ इसलिए किया क्योंकि लोकसभा चुनाव आ रहे हैं। यह बहुत शर्म की बात है।’’ उद्घाटन समारोह में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश या कोई अन्य न्यायाधीश उपस्थित नहीं था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक अधिकारी ने कहा कि किसी न्यायाधीश के मौजूद होने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि पीठ के उद्घाटन के संबंध में न तो केन्द्र और न ही राज्य सरकार से कोई जानकारी मिली है ।
उच्च न्यायालय के अधिकारी ने कहा, ‘‘मैं इस बारे में उच्चतम न्यायालय को पत्र लिख रहा हूं।’’ मोदी ने पीठ का उद्घाटन करते हुए कहा कि पीठ उत्तरी बंगाल में दार्जिलिंग, कलिमपोंग, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार के लोगों को शीघ्र न्याय दिलाएगी।