व्हाट्सऐप का आरोप, फेक न्यूज़ फैला रहे हैं राजनीतिक दल
किसी पार्टी का नाम बताने से किया इनकार
नई दिल्ली: व्हाट्सऐप ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल कर रही है. कंपनी का कहना है कि व्हाट्सऐप के जरिए फेक न्यूज़ फैलाए जा रहे हैं. व्हाट्सऐप ने इसको लेकर पार्टियों को चेतावनी भी दी है. इस बात का जानकारी बुधवार को कंपनी के एक अधिकारी ने दी.
व्हाट्सऐप ने किसी पार्टी का नाम बताने से इनकार कर दिया है. कंपनी के मुताबिक, पार्टी के कार्यकर्ता वोटरों को रिझाने के लिए बड़े पैमाने पर मैसेज भेज रहे हैं, जिसमें कई तरह के फेक न्यूज़ होते हैं.
पिछले कुछ समय से व्हाट्सऐप चुनाव में प्रचार का बड़ा माध्यम बन गया है. बीजेपी और कांग्रेस पार्टी व्हाट्सएप का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करती है. दोनों पार्टियां एक दूसरे पर इसके जरिए फेक न्यूज़ फैलाने का आरोप लगाती रही है.
भारत में करीब 20 करोड़ लोग व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं. पिछले साल राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों ने दर्जनों ग्रुप बना कर व्हाट्सऐप का जम कर इस्तेमाल किया था.
बीजेपी और कांग्रेस के मीडिया प्रभारी का कहना है कि वे लोग व्हाट्सऐप के जरिए फेक न्यूज़ नहीं फैलाते हैं. पिछले साल व्हाट्सऐप की भारत में जम कर आलोचना हुई थी. व्हाट्सऐप से आए फेक न्यूज़ के चलते भारत में कई जगह मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई थी.
पिछले कुछ समय से व्हाट्सऐप फेक न्यूज़ के खिलाफ अभियान भी चला रहा है. इसको लेकर रोड शो और मीडिया में विज्ञापन दिए जा रहे हैं. व्हाट्सऐप का दावा है कि बल्क मैसेज भेजने के चलते हर महीने दुनिया भर में 40 लाख अकाउंट को बैन किया जाता है.