आंध्र प्रदेश: एक और पूर्व मंत्री का कांग्रेस से इस्तीफा
नई दिल्ली: दिग्गज कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री किशोर चंद्र देव ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि वह पार्टी को नष्ट होते आराम से नहीं देख सकते जब उनके गृह राज्य आंध्र प्रदेश को चार-पांच लोगों द्वारा पार्टी को शून्य पर लाया जा रहा हो। पिछले सप्ताह पार्टी की एसपी विंग से इस्तीफा देने वाले देव ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले साल नंवबर से उनसे मिलने का वक्त तक नहीं दिया था।
छह बार सांसद, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व AICC महासचिव रहे देव ने कहा कि उन्हें लगा कि वह कांग्रेस में अवांछित थे और देखा कि पार्टी में उनके रहने की कोई प्रासंगिकता नहीं थी। दिग्गज कांग्रेसी नेता ने ऐसे समय में पार्टी से इस्तीफा दिया जब हाल ही मैं आंध्र प्रदेश में AICC महासचिव इंचार्ज ओमान चांडी ने घोषणा की कांग्रेस राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। देव ने कहा कि पार्टी आंध्र प्रदेश में मौजूद नहीं है। पिछले चार सालों में पार्टी लकवे की स्थिति में है और लगभग कोमा में चली गई है।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘राज्य में जो लोग पार्टी के इंचार्ज हैं, उन्होंने पिछले चार-पांच महीनों में वो सबकुछ किया जिससे पार्टी पूरी तरह नष्ट हो जाए। यह ऐसी चीज नहीं है जो अचानक हुई हो। मैंने साढ़े चार साल सब्र किया कि वो पार्टी के लिए कुछ करेंगे। पत्र लिखकर हाईकमान से भी इस मामले में आग्रह किया। चांडी जब महासचिव बने मुझे लगा कि वो पार्टी के लिए कुछ करेंगे। मगर दुर्भाग्य से वो चार-पांच लोगों के जाल में फंस गए, जिनका वास्तव में कोई राजनीतिक आधार नहीं है लेकिन आंध्र प्रदेश में पार्टी को कंट्रोल कर रहे हैं।’
इंडियन एक्सप्रेस ने जब उनसे उन चार-पांच लोगों की पहचान करने को कहा तो उन्होंने कहा कि इनमें से एक शख्स खुद को आंध्र प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष का सलाहकार कहता है। अन्य प्रभारी महासचिव, पीसीसी अध्यक्ष और एक या दो राज्यसभा सांसद हैं। आज पार्टी का झंडा, प्रतीक सब कुछ मिटा दिया गया है। आंध्र प्रदेश में हम कहीं नहीं हैं। राहुल गांधी ने फैसला लिया है कि पार्टी विभिन्न राज्यों में गठबंधन करेगी। मगर पीसीसी अध्यक्ष और अन्य कहते हैं कि गठबंधन नहीं होगा।’
उन्होंने कहा, ‘हम लोकसभा की 25 सीटों और राज्य विधानसभा की 175 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे। अगर आप ऐसा करते हो तो दोबारा ऐसा वैसा ही होगा जैसा साल 2014 में हुआ। पार्टी हमेशा के लिए दफन हो जाएगी। मुझे बताया गया कि ये 200 लोग (जो 2014 में हार गए थे) कांग्रेस के लिए सैनिक बन जाएंगे और पार्टी को पुनर्जीवित करेंगे। 2014 के 200 सैनिकों का क्या हुआ? पार्टी में कितने बचे हैं? ये सभी बेतुके और सनकी सिद्धांत हैं।’
देव ने आगे कहा, ‘अब फरवरी चल रही है और साल नंवबर से मैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने का वक्त मांग रहा हूं। बेशक, मैं इस तथ्य की सराहना करता हूं कि वह चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। मगर मुझे इस बात का यकीन है कि उनके व्यस्त कार्यक्रम के तहत कई लोग उनसे मिले।’ हालांकि उन्होंने साफ किया वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल नहीं होने जा रहे। ना ही ऐसी किसी पार्टी में शामिल होंगे जिसने भाजपा से गठबंधन किया और या भाजपा के प्रति उसका नरम रुख हो।
जानना चाहिए कि 2014 के बाद से देव सहित दस पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस छोड़ चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से कई नेताओं ने राहुल गांधी की दुर्गमता के बारे में बात की थी। देव यूपीए सरकार के सातवें ऐसे केंद्रीय मंत्री हैं जिन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। दूसरे नेता जिन्होंने पार्टी छोड़ी उनमें जीके वासन, जयंती नटराजन, एसएम कृष्ण, बेनी प्रसाद वर्मा, कृष्ण तीरथ और शंकर सिंह वघेला है। इसके अलावा डी पुरणदेसवरी और साई प्रताप जैसे पूर्व राज्य मंत्रियों ने पार्टी छोड़ दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी टीडीपी में शामिल होने जा रहे हैं। फिल्म स्टार से राजनेता बने चिरंजीवी अब कांग्रेस छोड़कर खुश हैं।