नफरत फ़ैलाने वालों को वापस बिलों में भेजना होगा
5 बनाम 95 बैनर तले सांप्रदायिक विद्वेष व सांप्रदायिक सद्भाव विषय पर सेमिनार आयोजित
लखनऊ । सांप्रदायिक विद्वेष व सांप्रदायिक सद्भाव विषय पर आज 5 बनाम 95 बैनर तले गोमतीनगर स्थित बुद्धा ऑडिटोरियम गोमती नगर में कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें देश प्रदेश से आए बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर किया गया जिसके बाद आए हुए सभी मेहमानों का स्वागत अमीर हैदर एडवोकेट ने किया जिसके बाद 5 बनाम 95 के कैलेंडर का विमोचन भी हुआ । कार्यक्रम शुरू करते हुए चचा अमीर हैदर ने कहा कि आज 95 प्रतिशत वह लोग हैं जो समाज में अमन व चैन तो चाहते हैं लेकिन वह घरों में बैठकर ही यह सुकून चाहते हैं । जबकि पांच प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो समाज में भेदभाव फैलाकर आपस में नफरतें फैलाने का काम कर रहे हैं ऐसे लोगों को हमें वापस उनके बिलों में भेजना होगा तभी समाज का कल्याण हो पाएगा । एम पी सिंह ने कहा आज आतंकवाद की परिभाषा लोग भूल गए हैं आतंकवाद का मतलब होता है डराना भय पैदा करना गांव में दलितों की बस्ती को अलग कर दिया गया है और उनको आतंक से डराया जा रहा है अन्याय का विरोध करना चाहिए हमको बिना डरे हुए । सदफ जाफर ने कहा हमको अपने पुराने सांप्रदायिक सौहार्द में वापस जाना होगा अपना एक वोट हमको ऐसे कैसे देना चाहिए जहां एक स्वस्थ समाज बन सके जो सरकारें हमारे देश की तरक्की करें आपस में सौहार्द बनाए ऐसी सरकार ही हम लोगों को बनानी होगी । हम सबको अमन के साथ खुश रहने की आज जरूरत है और रहना चाहिए । मोईद अहमद पूर्व मंत्री ंने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जब सदन में खड़े होते थे तो वह पिछली सरकार के कामों की तारीफ करते थे । याद करना चाहिए । लेकिन मोदी जी डिक्टेटरशिप चलाना चाहते हैं ।
रमेश दीक्षित ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी हमे फिरका परस्त बनाने में । दुनिया में हिंदुस्तानी मुसलमान से ज्यादा कोई भी वतन परस्त नहीं । देश में आज वह 25 प्रतिशत नफरत फैला रहे हैं उनकी शुरुआत सुबह 5ः00 बजे से होती है जब हमारे दिन की शुरुआत होती है तब तक यह 5ः लोग लोगों के दिलों में जहर घोलने का काम पूरा कर चुके होते हैं ।
पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने अपने भाषण में कहा कि जो भी बड़े बड़े आंदोलन हुए है उनकी शुरुआत बहुत छोटे से हुई है । हमारी आपस की सद्भावना हमारी परंपरा के अनुसार है और वह आज ही मजबूत है । आज ज़रुरत इस बात की है कि अपने और पराये का मत सोचिए जो सलाहियत रखते हों उनको आगे बढ़ाइए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व मेयर दाऊ जी गुप्ता ने कहा कि ऐसे लोग जो समाज में नफरत घोलते है वह इतिहास को तोड़ मरोड़कर कर पेश करते है । जो छवि महमूद गजनवी की पेश की गई अगर आप गजनवी के दौर के सोने के सिक्के देखे जाएं तो उसमें संस्कृत में छपी हुई उक्तियाॅं मिलती है । दाऊ जी ने आगे कहा कि एक बार एक हिन्दू लड़के को कुछ सरदारों में मार दिया तो हम लोग जब उस परिवार से मिले तो मृतक की माॅं ने कहा कि हमारे बेटे को सरदारो ने नहीं मारा बल्कि उसको एक विचार धारा ने मारा है हमको उसे बदलना होगा ।