अंतरिम बजट को देखकर बौखला गया है विपक्ष: मनीष शुक्ला
लखनऊ: जनता की भलाई के बजाए अपनी और अपनों की जेबें भरने पर ज्यादा ध्यान देने वाले विपक्षी नेता नरेंद्र मोदी सरकार के बजट को देख कर बौखला गए है। उटपटांग बक रहें है। किसान और आम आदमी हितैषी बजट देश के ग्रामीण व शहरी विकास का मास्टर स्ट्रोक है। बजट का सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु बिना किसी नये कर प्रावधान के किसानों, मजदूरो, महिलाओं और वेतनभागी लोगों को राहत दी गयी है। भाजपा के प्रवक्ता मनीष शुक्ला शनिवार को पत्रकारों से बात कर रहें थे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बजट में 2 हेक्टेयर जमीन वाले किसान को 6 हजार रुपये सालाना देने की घोषणा के बारे में विपक्षी नेताओं ने सपने में नही सोचा था। यह 6 हजार बाकी सुविधाओं के अलावा है। विपक्षी नेता राजनीति में आने के साथ ही ‘मै और मेरा परिवार’ के विकास के बारे में सोचते है।
श्री शुक्ल ने कहा कि केन्द्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार गरीबों के बारे में सोचती और करती है। यही वजह है कि न यूरिया की किल्लत है, न बिजली की। सरकार गेंहू, धान आदि उपज के मूल्य कम न हो किसानों को पूरा लाभ मिले इसके लिए लगातार काम कर रही है। खेती किसानी से जुड़ी दूसरी छूटों व सुविधाओं को शत प्रतिशत किसानों तक पहुंचाने का काम हो रहा है। अब छोटे किसान को हर महीने 500 रुपये मिलेगा। जिससे 12 करोड़ किसान परिवारों को होगा फायदा। यह 1 दिसंबर 2018 से दिया जाएगा। किसानों को साल में 2-2 हजार रुपये की तीन किश्तें मिलेगी।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि गरीबों के हितैषी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने मजदूरों के भले और विकास के बारे में सोचा है। इसीलिए मजदूरों को भी पेंशन देगी। इस योजना में 60 साल के मजदूरों को कम से कम 3000 रुपये का पेंशन मिलेगा। सरकार के इस योजना से करीब 10 करोड़ मजदूरों को फायदा मिलेगा।
श्री मनीष शुक्ला ने कहा कि वेतनभोगी जानते है कि 5 लाख तक की आय को टैक्स से मुक्त करना कितनी बड़ी राहत है। मोटेतौर पर देखा जाए तो 8 लाख की सालाना आय वाले बचत निवेश करने वालों को भी टैक्स नही देना पड़ेगा। गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के 5 लाख रूपये तक के इलाज मुफ्त किये जा रहें है।
श्री शुक्ला ने कहा कि नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में अमीरों ने टैक्स भरा। गरीबों का हक मारने वाली 3 लाख 38 हजार फर्जी कंपनियां पकड़ी गई। मोदी सरकार गरीबों के भले के लिए काम कर रही है जबकि भ्रष्टनेता अपनी लूट की रकम बचाने के लिए परेशान है। और मोदी सरकार पर तरह-तरह के गलत आरोप लगा रहें है।