नेत्र उपचार के साथ नेत्र दान के लिये भी प्रोत्साहित करें: राज्यपाल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज रवीन्द्रालय प्रेक्षागृह में राजकीय आप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश के द्विवार्षिक प्रान्तीय अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री लालजी प्रसाद निर्मल अध्यक्ष उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, संयुक्त निदेशक नेत्र उपचार श्री वाई0के0 पाठक, राजकीय आप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सर्वेश पाटील, अन्य पदाधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित थे। इस अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश के एक करोड़ लोग अन्धत्व के शिकार हैं। जिसमें ग्रामीण महिलाओं की संख्या अधिक है। अन्धत्व का बड़ा कारण अज्ञान भी है। नेत्र उपचार से जुड़े लोग अपने कर्तव्य को निभाते हुए अपने क्षेत्र में नित नये अनुसंधान और अद्यतन जानकारी से समाज को बचाव के तरीके बताकर लाभांवित करें। ग्रामीण क्षेत्र में शिविर लगाकर व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। सारे दान महत्व के हैं, पर नेत्र दान की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि नेत्र उपचार के साथ-साथ नेत्रदान को सामाजिक आन्दोलन का रूप दें।
श्री नाईक ने कहा कि विज्ञान की प्रगति के कारण मोतियाबिन्द का आपरेशन अब मामूली आपरेशन है। नेत्र उपचार समाज का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। अपनी कार्य क्षमता का लाभ समाज तक पहुचायें। राज्यपाल ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए उन्होंने 1999 में महिलाओं को धुआं मुक्त रसोई देने की दृष्टि से प्रतिक्षा सूची को समाप्त करते हुए 4 साल में 4 करोड़ अतिरिक्त गैस कनेक्शन दिया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उज्जवला योजना सराहनीय है। समाज को कैसे सुविधा मिले यह देखना सबका दायित्व है। कुम्भ 2019 की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां भी ‘नेत्र कुम्भ’ का शिविर चल रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रयागराज के ‘नेत्र कुम्भ’ में 12 जनवरी, 2019 तक सक्षम संगठन द्वारा 63,635 लोगों का नेत्र परीक्षण हुआ तथा 46,372 व्यक्तियों को चश्मा वितरित किया गया।
श्री लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि नेत्र सेवा मानव की उत्कृष्ट सेवा है। नेत्र उपचार से जुड़े अधिकारी, कर्मचारीगण का कार्य महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अपने दायित्व का सम्य्क निर्वहन करके देश एवं प्रदेश को आगे बढ़ाने में योगदान दें।
अधिवेशन में अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर विशिष्ट सेवा प्रदान करने वालों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।