सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड ने आज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के लिए अपनी दूसरी पवन ऊर्जा परियोजना की सफल कमीशनिंग की घोषणा की. कर्नाटक के बागलकोट जिले के कुश्तगी में स्थित 8.4मेगा वाट क्षमता के पवन ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन एच ए एल के सीएमडी श्री आर माधवन ने किया. इस परियोजना के पूरा होने के साथ, सुजलोन द्वारा वितरित एचएएल की कुल पवन ऊर्जा क्षमता 14 मेगावाट हो गई है और यह बेंगलुरु स्थित डिवीजनों की एचएएल की ऊर्जा खपत का 46.6 फीसदी है. 6.3 मेगावाट की एचएएल की पहली पवन परियोजना जुलाई, 2016 में दावणगेरे में स्थित थी, जिसे जुलाई 2016 में चालू किया गया था. सुजलॉन ने 10 साल की शुरुआती अवधि के लिए दोनों प्रोजेक्ट के लिए व्यापक परिचालन और रखरखाव सेवाएं भी प्रदान करता है, हिंदुस्तान एयरोनाॅटिक्स लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, श्री आर. माधवन ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि इस हरित पहल के जरिए, एचएएल प्रति वर्ष लगभग 25,000 टन कार्बन-डाय आॅक्साइड के उत्सर्जन के अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम कर लेगा। इस प्रोजेक्ट से बेंगलुरू स्थिति खंडों की लगभग 25 प्रतिशत ऊर्जा उपयोग की आवश्यकता पूरी की जा सकेगी। हम कंपनी के भीतर ऊर्जा के कुल खपत में नवीकरण ऊर्जा का हिस्सा बढ़ाने के प्रति संकल्पित हैं।’’ सुजलॉन ग्रुप के सीईओ श्री जे पी चालसानी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां अपनी बढती बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा पर अधिक ध्यान दे रही है, जो भारत को सुरक्षा हासिल करने और भविष्य के बिजली उत्पादन करने के प्रयासों को बढ़ावा देता है. सुजलॉन का कॉंसेप्ट ऑफ कमिशनिंग दृष्टिकोण ग्राहकों को कैप्टिव उपयोग के लिए पवन परियोजनाएं स्थापित करने की सुविधा प्रदान करती है. इसने सुजलॉन को भारतीय बाजार में मार्केट लीडर के रूप में स्थापित किया है, जिसमें पीएसयू खंड भी शामिल है. 2016 में पहली पवन परियोजना के सफल कमीशन के बाद हम दूसरी बार एचएएल के लिए पसंदीदा भागीदार बन कर खुश हैं. हम ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से इसे हासिल करने में पीएसयू के साथ अपने सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.