नई दिल्ली: पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा का सरकार की ओर से सौंपे गए पद पर न लौटना उनके लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है. दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सिलेक्शन कमिटी ने आलोक वर्मा को सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटा दिया था. उन्हें फायर सर्विस और होमगार्ड्स के जनरल डायरेक्टर की जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन, वर्मा ने यह जिम्मेदारी संभालने की जगह इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, सरकार ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. अब गृह मंत्रालय उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने पूर्व सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की अपील को खारिज करते हुए उन्हें आखिरी दिन यानी एक दिन के लिए ऑफिस ज्वॉइन करने को कहा है. वर्मा के इनकार करने पर गृह मंत्रलाय उनके खिलाफ नियमों का उल्लंघन करने के मामले में सो कॉज नोटिस जारी करने की तैयारी में है.

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सिलेक्शन कमिटी द्वारा सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा ने एक पत्र लिखकर गृह मंत्रालय से अपील की थी कि उन्हें उसी दिन से पद से हटा हुआ माना जाए, क्योंकि जिस पद पर उनका ट्रांसफर किया गया था. उस पद पर सेवा देने की उम्र उन्होंने पहले ही पूरी कर ली है. गृह मंत्रालय ने करीब दो हफ्ते बाद उन्हें जवाब दिया है कि उन्हें आज यानी गुरुवार को ऑफिस आना ही पड़ेगा.

एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'आलोक वर्मा को फायर सर्विस का डीजी नियुक्त किया गया था. लेकिन आलोक वर्मा ने अपना कार्यभार नहीं संभाला. अगर वे नियुक्ति पत्र को स्वीकार नहीं करते हैं तो सरकार सेवा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई कर सकती है.'

दरअसल, 10 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बनी कमिटी द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद से हटाए जाने के बाद 11 जनवरी को उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें उसी दिन से रिटायर्ड माना जाए.

चूंकि, आलोक वर्मा ने सरकारी सेवा से रिटायरमेंट की उम्र 31 जुलाई 2017 को ही पूरी कर ली थी. इसलिए उन्होंने पत्र में लिखा कि उन्हें उसी दिन से रिटायर्ड समझा जाए, जिस दिन से उन्हें सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाया गया है.

बता दें कि वर्मा को सबसे पहले सीबीआई डायरेक्टर के पद से अक्टूबर में ही सीवीसी की सिफारिश के बाद हटा दिया गया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में उन्हें उनके पद पर बहाल कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सिलेक्शन कमिटी ने उन्हें बचे हुए समय के लिए फायर सर्विसेज़, सिविल डिफेंस एंड होम गार्ड्स के जनरल डायरेक्टर के पर ट्रांसफर कर दिया था.